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बिजनेस


इंडिगो ने प्रबंधन में बदलाव के कयासों को बताया आधारहीन

नयी दिल्ली 19 मई (वार्ता) यात्री संख्या के मामले में देश की सबसे बड़ी विमान सेवा कंपनी इंडिगो ने कंपनी के प्रवर्तकों के बीच मतभेद के बारे में मीडिया में आयी खबरों के बीच कहा है कि प्रबंधन में बदलाव की कयासबाजी आधारहीन है और कंपनी की मौजूदा रणनीति में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा।
इंडिगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रोनोजॉय दत्ता ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा “इंडिगो के दोनों प्रवर्तकों के बीच संभावित मतभेद के बारे में मीडिया में विभिन्न तरह की खबरें आ रही हैं। इन खबरों ने कंपनी के भविष्य, प्रबंधन में बदलाव और नियंत्रण के मुद्दे पर कई प्रकार के कयासों को जन्म दिया है। मैं इन आधारहीन कयासों के बारे में पुरजोर तरीके से स्थिति स्पष्ट करना चाहता हूँ क्योंकि ये शेयरधारकों तथा हमारे कर्मचारियों के हित में नहीं हैं।”
श्री दत्ता ने लिखा है कि किसी भी सुप्रबंधित कंपनी में मतभेद होते रहते हैं। उन्होंने कहा “अभी कुछ मुद्दों पर मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मुद्दों को सुलझाकर आगे बढ़ने में कंपनी का पिछला रिकॉर्ड काफी अच्छा रहा है। यदि इन मुद्दों का समाधान नहीं निकला तो मीडिया को इसके बारे में पता चल जायेगा, लेकिन अभी कयासबाजी का कोई फायदा नहीं है।”
इंडिगो में दो मुख्य प्रवर्तक हैं। इंटरग्लोबल इंटरप्राइजेज के पास 37.90 प्रतिशत हिस्सेदारी है। यूएस एयरवेज के पूर्व सीईओ राकेश गंगवाल और उनकी पत्नी शोभा गंगवाल के पास 23.08 फीसदी हिस्सेदारी है। इनके बाद चिनकेरपू फैमिली ट्रस्ट की 13.60 फीसदी हिस्सेदारी है। इस ट्रस्ट के न्यासियों में भी श्रीमती गंगवाल शामिल हैं।
श्री दत्ता ने प्रेस विज्ञप्ति में श्री गंगवाल की ओर से एक बयान भी जारी किया है जिसके बारे में उन्होंने लिखा है कि उन्हें यह जारी करने के लिए अधिकृत किया गया है। बयान में कहा गया है “मैं साफ तौर पर यह बताना चाहता हूँ कि आरजी (राकेश गंगवाल) समूह का कंपनी का नियंत्रण अपने हाथ में लेने की कोई योजना नहीं है। मैं इस कयास पर भी विराम लगाना चाहता हूँ कि आरजी समूह शेयरधारिता समझौते में कोई बदलाव चाहता है। मैं इसे रिकॉर्ड पर लाना चाहता हूँ कि हम मौजूदा शेयरधारिता में बदलाव के पक्ष में नहीं हैं - इसका समझौता वैसे ही इस साल अक्टूबर तक के लिए ही है।”
उन्होंने कर्मचारियों से इन “आधारहीन कयासों” पर विश्वास नहीं करने की अपील की है। उन्होंने लिखा है कि पूर्ण निदेशक मंडल यह बताना चाहता है कि विकास और लागत के मामले में कंपनी की रणनीति अपरिवर्तित है।
अजीत अर्चना
वार्ता
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