बिजनेसPosted at: Jul 21 2019 2:21PM तिमाही परिणामों और वैश्विक संकेतों से तय होगी बाजार की चालमुंबई 21 जुलाई (वार्ता) भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का रूख बना हुआ है। लगातार तीसरे सप्ताह शेयर बाजार गिरावट लेकर बंद हुये हैं। अगले सप्ताह कंपनियों के तिमाही परिणामों और वैश्विक स्तर पर होने वाले घटनाक्रमों से बाजार की चाल तय होगी लेकिन भारी उथल पुथल की फिलहाल संभावना नहीं दिख रही है। बाजार के सीमित दायरे में रहने का अनुमान जताया गया है। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेेंसेक्स 1.03 प्रतिशत अर्थात 399.22 अंक गिरकर 38337.01 अंक पर रहा। इस दौरान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 1.15 प्रतिशत अर्थात 133.25 अंक उतरकर 11419.25पर रहा। दिग्गज कंपनियों की तुलना में छोटी और मझौली कंपनियों पर बिकवाली अधिक हावी रही जिससे बीएसई का मिडकैप 3.27 प्रतिशत अर्थात 475.54 अंक फिसलकर 14078.34 अंक पर और स्मॉलकैप 3.38 प्रतिशत अर्थात 466.23 अंक उतरकर 13310.35 अंक पर रहा। बाजार अध्ययन करने वाली कंपनी कैपिटलऐम के शोध प्रमुख रोमेश तिवाड़ी ने बीते सप्ताह बाजार में हुये उठापटक का हवाला देते हुये कहा कि अगले सप्ताह भी बाजार से कोई विशेष उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। बजट में सरकारी कंपनियों में सरकार की हिस्सेदारी को लेकर की घोषणाओं के साथ ही अमीर करदाताओं पर लगाये गये अधिभार तथा विदेशी निवेशकों के इसके दायरे में आने की आशंका से बने दबाव का असर अगले सप्ताह भी दिख सकता है। अगले सप्ताह भी बाजार के गिरावट में रहने की आशंका है। बाजार की चाल पर कंपनियों के पहली तिमाही परिणाम का असर दिख सकता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईरान का यूरोप और अमेरिका के साथ बन रहे तनावपूर्ण रिश्ते का असर भी बाजार दिख सकता है। एेपिक रिसर्च के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुस्तफा नदीम ने कहा कि बजट में किये गये प्रावधानों के साथ ही वैश्विक स्तर पर शेयर बाजार के गिरावट में रहने का असर घरेलू बाजार पर भी दिखा है। बजट के बाद लगातार तीसरे सप्ताह शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गयी है। अगले सप्ताह भी बाजार से कोई विशेष उम्मीद नहीं की जा सकती है क्योंकि वैश्विक स्तर से तत्काल किसी बेहतर खबर की संभावना नहीं है। ईरान और अमेरिका के बीच जारी तनाव में अब यूरोप के भी शामिल होने की आशंका है क्योंकि ईरान ने ब्रिटेन के जहाज को बंधक बना लिया है। शेखरजारी/ वार्ता