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खुदरा मुद्रास्फीति और गिरकर 6.71 प्रतिशत पर आयी

नयी दिल्ली, 12 अगस्त (वार्ता) खाद्य और अन्य वस्तुओं से प्रेरित भारत की खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई, 2022 में इससे पिछले माह के 7.01 प्रतिशत से घट कर 6.71 पर आ गयी। मुद्रास्फीति 2-6 प्रतिशत की भारतीय रिजर्व बैंक की लक्षित सीमा से अब भी ऊपर बनी हुई है। यह इसका पांच माह का न्यूनतम स्तर है।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार आम लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाली खाद्य मुद्रास्फीति जून के 7.75 प्रतिशत की तुलना में घट कर जुलाई में 6.75 प्रतिशत रही।
मुद्रास्फीति में नरमी से सरकार और नीति-निर्माताओं पर दबाव कम होगा। पिछले कई महीनों से देश उच्च मुद्रास्फीति के दबाव से जूझ रहा और इस पर अंकुश लागने के लिए सरकार ने खाद्य तेल, इस्पात और प्लास्टिक की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए कई महत्वपूर्ण राजकोषीय कदम उठाए हैं।
इसी तरह, भारतीय रिजर्व बैंक ने भी कर्ज महंगा करने की नीति अपना ली है और इस साल मई से अब तक नीतिगत दर रेपो में कुल मिला कर प्रति सैकड़ा 1.40 अंक की बढ़ोतरी कर चुका है।
इस समय, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का रुख देखते हुए आने वाले दिनों में मुद्रास्फीति में और नरमी आने की उम्मीद है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लि के मुख्य अर्थशास्त्री निखिल गुप्ता ने कहा,“ जुलाई की खुदरा मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े बाजार के पूर्वानुमान के अनुरूप ही है। मुद्रास्फीति की मुख्य दर 6.7 प्रतिशत पर पांच माह के न्यूनतम सतर है। इसी तरह मूल मुद्रास्फीति (विनिर्मित उत्पादों संबधी) भी वार्षिक आधार पर छह प्रतिशत पर आ गयी है जो 10 माह का न्यूनतम स्तर है। ”
मिलवुड केन इंटरनेशनल के संस्थापक एवं मुख्य अधिशासी नीश भट्ट ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति में नरमी मुख्यत: खाद्य तेलों पर आयात शुल्क कम करने तथा वैश्विक बाजार में कच्चे तेल और कुछ अन्य जिंसों की कीमतों में कमी के कारण आयी है। यह कम जरूर हो रही है पर लगातार सात माह से यह रिजर्व बैंक की छह प्रतिशत की ऊपरी स्वीकार्य सीमा से ऊपर चल रही है।
उन्होंने कहा कि जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट और जून में औद्योगिक उत्पादन में 12.3 प्रतिशत की वृद्धि का आंकड़ा उत्साह जानक है पर भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति के अगले कदम के संबंध में और एक माह के आंकड़े का इंतजार करेगा।
केंद्रीय बैंक ने हाल में आपनी मौद्रिक समीक्षा में चालू वित्त वर्ष के दौरान मुद्रास्फीति 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है और रिजर्व बैंक नीतिगत दर में एकाध और बढ़ोतरी कर सकता है।
मनोहर.श्रवण
वार्ता
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