नयी दिल्ली, 30 मार्च (वार्ता) देश में सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों में विद्युत बसों (ई-बस) का इस्तेमाल बढ़ने की संभावना को देखते हुए भारी उद्योग मंत्रालय ने कुछ चुनिंदा संगठनों के साथ मिल कर ई-बस अग्नि सुरक्षा क्षमता निर्माण का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कराया है।
गुरुवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार इस कार्यक्रम में जर्मनी के संगठन जीआईजेड और भारतीय कंपनी कंवर्जेंस इलेक्ट्रिक सर्विसेज लिमिटेड की मदद ली जा रही है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि हाल ही में दिल्ली में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम “मास्टरिंग इलेक्ट्रिक बस फायर सेफ्टी” की शुरुआत ऑटोमोटिव स्किल्स डेवलपमेंट काउंसिल (एएसडीसी) के सहयोग से की गयी।
अलग-अलग लक्षित ग्रुप के लिए तीन चरणों में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उच्च वोल्टेज और अग्नि सुरक्षा, आपातकालीन तैयारी, रखरखाव, चार्जिंग सुविधाओं पर सुरक्षा और संचालन में सुरक्षा, विद्युतीकरण शामिल किया गया है।
बयान में उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ. हनीफ कुरैशी के हवाले से कहा गया है कि अप्रैल 2019 में फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण की शुरुआत करते हुए मंत्रालय ने अगले पांच वर्षों के लिए आवंटित 10,000 करोड़ रुपये में से 3,500 करोड़ रुपये बसों के लिए आवंटित किए थे। योजना के माध्यम से 7,090 बसों को खरीदने के लिए सहयोग करना था और अब तक ,210 बसों की खरीदारी हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक बसों की लागत और सुरक्षा समेत कई चुनौतियां हैं, इस दिशा में भी मंत्रालय काम कर रहा है।
मनोहर.श्रवण
वार्ता