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बिजनेस


डिजिटल हेल्थकेयर को अपना रहे हैं युवा

नयी दिल्ली 23 मई (वार्ता) डिजिटल हेल्थकेयर को युवा बड़ी तेजी से अपना रहे हैं क्योंकि इस क्षेत्र का डिजिटल प्लेटफॉर्म मेडिबडी ने युवाओं द्वारा डॉक्टर कंसल्टेशन में 44 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।
कंपनी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि विशेषरूप से 25 से 35 वर्ष के आयुवर्ग के युवाओं में ऑनलाइन कंसल्टेशन बढ़ा है। 44 प्रतिशत की वृद्धि के साथ प्लेटफॉर्म ने युवाओं के बीच डिजिटल हेल्थकेयर सर्विस को अपनाने की दिशा में सकारात्मक झुकाव देखा है। युवा अपने स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रुख अपना रहे हैं और अपने शारीरिक, मानसिक
एवं भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए समझदारी से विकल्पों का चयन कर रहे हैं। टेक्नोलॉजी का प्रयोग करने वाली पीढ़ी टेक्नोलॉजी का लाभ लेते हुए अपने स्वास्थ्य पर नजर रख रही है और स्वस्थ जीवनशैली को अपना रही है।
स्वास्थ्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने बेहतर उदाहरण प्रस्तुत किया है और अन्य को प्रेरित किया है। 2022 से 2023 के बीच प्लेटफॉर्म पर एंडोक्रायनोलॉजी कंसल्टेशन में 74.32 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इससे युवाओं के बीच प्री-डायबिटीज को लेकर सतर्कता का ट्रेंड तो दिख ही रहा है, साथ ही यह युवाओं की सोच में बदलाव का भी प्रतीक है। यह पीढ़ी अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक है और सक्रियता से कदम बढ़ा रही है। एंडोक्रायनोलॉजी चिकित्सा की महत्वपूर्ण शाखा है, जो हार्मोनल असंतुलन पर फोकस करती है। यह डायबिटीज, थायरॉयड और जेनेटिक असंतुलन जैसी कई बीमारियों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एंडोक्रायनोलॉजी कंसल्टेशन बढ़ना यह दिखाता है कि हॉर्मोनल डिसऑर्डर के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ रही है, जो लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर करने में भूमिका निभाएगा।
इसी दौरान मेडिबडी ने पल्मनोलॉजी कंसल्टेशन में भी वृद्धि दर्ज की है। इस क्षेत्र में कंसल्टेशन में 58.87 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। अस्थमा, क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मनरी डिजीज (सीओपीडी), लंग डिसऑर्डर, न्यूमोनिया और
सांस संबंधी अन्य बीमारियां पल्मनोलॉजी के तहत ही कवर होती हैं। पल्मनोलॉजी कंसल्टेशन में वृद्धि यह दिखाती है कि प्रदूषण के बढ़ते स्तर, शहरी क्षेत्रों में खराब होते एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई), धूम्रपान और संक्रमण के कारण
सांस संबंधी बीमारियों के मामले बढ़े हैं। जीवाश्म ईंधन के प्रयोग, औद्योगिक उत्सर्जन, कंस्ट्रक्शन गतिविधियों और बढ़ते यातायात ने वायु प्रदूषण में भूमिका निभाई है।
कंपनी के चिकित्सा परिचालन प्रमुख डॉ. गौरी कुलकर्णी ने कहा,“यह देखना उत्साहजनक है कि युवा अपने स्वास्थ्य को लेकर सतर्क हैं और समय पर चिकित्सकीय परामर्श ले रहे हैं। हार्मोनल असंतुलन कई बार अनदेखा रह जाता है, जिससे आगे चलकर लंबी अवधि में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। एंडोक्रायनोलॉजी कंसल्टेशन में वृद्धि दिखाती है कि लोगों में इसे लेकर जागरूकता बढ़ी है। यह महत्वपूर्ण है कि हम हार्मोनल डिसऑर्डर और इसके लक्षणों के बारे में जागरूकता बढ़ाएं, ताकि लोग समय पर चिकित्सकीय परामर्श एवं इलाज ले सकें। सही निर्देश से हम लोगों को स्वास्थ्य के मामले में सशक्त कर सकते हैं।”
इसके अतिरिक्त मेडिबडी डाटा से एंडोक्रायनोलॉजी एवं पल्मनोलॉजी के क्षेत्र में कंसल्टेशन के मामले में लैंगिक आधार पर अंतर भी देखने को मिला है। एंडोक्रायनोलॉजी कंसल्टेशन लेने वाली महिलाओं की संख्या 98.46 प्रतिशत बढ़ी
है, जबकि पुरुषों की संख्या 56.41 प्रतिशत बढ़ी है। इसका कारण यह है कि मासिक धर्म की अनियमितता, गर्भावस्था और मीनोपॉज के कारण महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के मामले ज्यादा होते हैं। दूसरी तरफ पल्मनोलॉजी कंसल्टेशन लेने वाले पुरुषों की संख्या में 74.19 प्रतिशत, जबकि महिलाओं की संख्या में 36.90 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। संभवत: इसका कारण जलवायु परिवर्तन, पुरुषों में बढ़ता धूम्रपान और वायु की खराब होती गुणवत्ता हैं। इनके कारण सभी में सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ा है।
आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली में सबसे ज्यादा ऑनलाइन कंसल्टेशन देखा गया। इसके बाद कोलकाता, लखनऊ, हैदराबाद, मुंबई, बेंगलुरु और पुणे का स्थान रहा। होम लैब टेस्ट में किडनी फंक्शन टेस्ट सबसे ज्यादा देखा गया। इस मामले में सबसे ज्यादा टेस्ट बेंगलुरु में देखे गए। इसके बाद हैदराबाद एवं कोलकाता का नंबर रहा।
शेखर
वार्ता
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