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बिजनेस


सेल्सफोर्स इंडिया इनोवेशन हैकेथॉन की श्रृंखला ‘रिबूट द अर्थ’ लेकर आया

हैदराबाद 22 अप्रैल (वार्ता) सीआरएम सॉल्यूशंस कंपनी सेल्सफोर्स ने इस पृथ्वी दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र की पाँच एजेंसियों- संयुक्त राष्ट्र सचिवालय, संयुक्त राष्ट्र युवा कार्यालय, खाद्य एवं कृषि संगठन, संयुक्त राष्ट्र: सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी कार्यालय, संयुक्त राष्ट्र और डिजिटल जन सामग्री गठबंधन के सहयोग से जलवायु पर केंद्रित इनोवेशन हैकेथॉन की श्रृंखला ‘रिबूट द अर्थ’ पेश की है।
हैदराबाद में आयोजित इस हैकेथॉन का उद्देश्य युवा कंप्यूटर प्रोग्रामर्स, एडमिनिस्ट्रेटर्स, आर्किटेक्ट्स, सेल्सफोर्स के परिवेश से परिचित लोगों, वैज्ञानिकों एवं अन्य इच्छुक लोगों को साथ लाना है ताकि जलवायु के मौजूदा संकट से निपटने के लिए समाधानों का विकास हो सके।
सस्टेनेबिलिटी पर केंद्रित रहते हुए सेल्सफोर्स ने हाल ही में जलवायु परिवर्तन के संकट से निपटने के लिए इंडिया सीएसआर ग्रांट्स के अंतर्गत विभिन्न अभियान शुरू किए हैं। पिछले साल वनीकरण की परियोजनाओं द्वारा आज तक 4 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं।
मल्लिगावद फाउंडेशन प्रोजेक्ट हैदराबाद में एक 17 एकड़ की स्थानीय झील, रेगुला कुंटा पर चलाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य झील में पानी धारण करने की क्षमता बढ़ाना और समुदाय एवं पर्यावरण में सुधार के लिए प्राकृतिक सीवेज़ ट्रीटमेंट की विधियों का क्रियान्वयन करना है। इस निवेश से हैदराबाद में मियावाकी विधि द्वारा 6,000 स्थानीय प्रजातियों के पौधारोपण में भी मदद मिली है। इस अभियान से शहर में हरित क्षेत्र बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है।
ठाणे के घोलाई नगर में वनीकरण प्रोजेक्ट द्वारा हरित यात्रा के साथ एक पूर्व डंपयार्ड को हरित क्षेत्र में परिवर्तित किया गया, और मियावाकी विधि द्वारा यहाँ 3.5 एकड़ भूमि में 33,334 पौधे लगाए गए, ताकि यहाँ हरित क्षेत्र का विस्तार हो, स्थानीय जैव विविधता बढ़े, और खराब होते पर्यावरण की रक्षा हो सके। इसकी मदद से सस्टेनेबिलिटी डेवलपमेंट लक्ष्यों के अनुरूप कार्बन का पृथकीकरण करने में योगदान मिला।
यूथ ऑफ इंडिया फाउंडेशन के साथ गठबंधन में सेल्सफोर्स तेलंगाना के जनगाँव जिले में स्थित तीन गाँवों में ‘‘सोलर ब्लेज़र प्रोजेक्ट’’ लॉन्च करेगा। यह प्रोजेक्ट ग्रामीण समुदायों को सस्टेनेबल सोलर एनर्जी समाधान प्रदान करने के लिए डिज़ाईन किया गया है, ताकि प्रतिवर्ष 2,60,000 किलोवॉट घंटा बिजली का उत्पादन होकर कार्बन डाई ऑक्साईड के उत्सर्जन में 226 टन की कमी लाई जा सके। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य हरित कौशल के प्रशिक्षण, माईक्रोग्रिड्स की स्थापना, और नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाकर विकार्बनीकरण के प्रयासों को प्रभावशाली बनाना, भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद करना, और वंचित आदिवासी गाँवों को सशक्त बनाना है। इन प्रयासों द्वारा इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य ऊर्जा की उपलब्धता बढ़ाना तथा सस्टेनेबल विकास और पर्यावरण में सकारात्मक परिवर्तन लाना है।
सेल्सफोर्स इंडिया के प्रबंध निदेशक (इंडिया ऑपरेशंस) साईट लीड - टेक्नोलॉजी एवं प्रोडक्ट संकेत अटल ने कहा, ‘‘सेल्सफोर्स का मुख्य उद्देश्य सस्टेनेबल भविष्य के प्रति अटल प्रतिबद्धता है। हम प्रकृति के लिए सकारात्मक अभियानों में केवल हिस्सा ही नहीं लेते, बल्कि उनका नेतृत्व करते हैं, और उत्साह से सस्टेनेबिलिटी की ओर बढ़ते हैं। ‘रिबूट द अर्थ’ लॉन्च करने के लिए यूनाईटेड नेशंस के साथ हमारा गठबंधन हमारे इसी संकल्प का प्रमाण है, जिससे परिवर्तन लाने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करने की हमारी महत्वाकांक्षा प्रदर्शित होती है। हम मिलकर एक ऐसी दुनिया की कल्पना व निर्माण कर सकते हैं जो हमारे पर्यावरण को प्राथमिकता दे और हमारी भविष्य की पीढ़ियों के साथ हर किसी के लिए ज्यादा स्वस्थ एवं हरी-भरी पृथ्वी सुनिश्चित कर सके।’’
शेखर
वार्ता
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