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निफ्टी दिसंबर तक पहुंच सकता है 25,800 से ऊपर: प्रभुदास लीलाधर

निफ्टी दिसंबर तक पहुंच सकता है 25,800 से ऊपर: प्रभुदास लीलाधर

मुंबई, 25 अप्रैल (वार्ता) इस समय चल रहे आम चुनावों के वातावरण में बाजार के भविष्य को लेकर उत्सुकताओं के बीच वित्तीय प्रबंधन क्षेत्र की फर्म प्रभुदास लीलाधर (पीएल) ने गुरुवार को कहा कि यदि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार फिर से सत्ता में लौटती है तथा अनुमानों के अनुसार मानसून अच्छा रहता है तो भारत में शीर्ष 50 शेयरों पर आधार निफ्टी शेयर सूचकांक दिसंबर के अंत तक 25,810-27100 दायरे तक पहुंच सकता है।

इसके विपरीत बाजार में मंदी का वातावरण बनने पर वर्ष के अंत में निफ्टी के 23229 के स्तर तक रहने का अनुमान है।

पीएल ने अपनी नवीनतम भारत रणनीति रिपोर्ट - डेमोक्रेटिक हैट-ट्रिक टू री-रेट मार्केट्स में कहा है कि निफ्टी में सुधार का यह अनुमान राजग सरकार की निरंतरता और ला नीना के प्रभाव से सामान्य मानसून की संभावनाओं पर आधारित है। इन कारकों से नीतियों में स्थिरता और मांग आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि निफ्टी इस समय संबंधित कंपनियों के शेयरों का वायदा भाव औसतन प्रतिशेयर वार्षिक लाभ (ईपीएस) के 18.3 गुना स्तर पर चल रहा है। यह 15 वर्ष के 19 गुणा औसत से 3.7 प्रतिशत नीचे है।

पीएल की इस रिपोर्ट में निफ्टी 50 की कंपनियों से संबंधित 26 मार्च के औसत 1358 रुपये के न्यूनतम ईपीएस और 15-वर्षीय औसत पीई अनुपात के 19 गुना आधार पर आगामी दिसंबर के अंत तक तक निफ्टी के 25810 के स्तर तक पहंचने का अनुमान लगाया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार तेजड़ियों की सक्रियता की स्थिति में 15 साल के औसत पीई में पांच प्रतिशत के प्रीमियम के साथ इसके 20 गुना तक पहुंचने की संभावना पर निफ्टी 27100 तक पहुंच सकता है।

इसके विपरीत मंदी की स्थिति में बाजार 15 वर्ष के औसत से दस प्रतिशत नीचे जा सकता है और ऐसी स्थिति में इस वर्ष के अंत तक निफ्टी 23229 के दायरे में जा सकता है।

प्रभुदास लीलाधर के संस्थागत अनुसंधान प्रमुख अमनीश अग्रवाल ने कहा, “हाल ही में, निफ्टी अपने सर्वकालिक शिखर पर पहुंच गया, लेकिन बाद में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, कच्चे तेल और जिंसों की कीमतों में उतार-चढ़ाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा प्रत्याशित ब्याज दर समायोजन पर दृष्टिकोण के अंतर के कारण लगभग चार प्रतिशत नीचे आया है।”

उन्होंने कहा कि इस समय भारत आम चुनाव के माहौल में डूबा हुआ है, जो इस दशक की एक महत्वपूर्ण घटना है। जनमत सर्वेक्षणों में राजग की आसान जीत की भविष्यवाणी के बावजूद, बाजार को 2004 के चुनाव परिणाम याद है जबकि 17 मई 2004 को चुनाव परिणाम घोषित होने के दिन बीएसई सेंसेक्स 15.5 प्रतिशत तक गिर गया था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बार मतगणना के दिन चार जून राजनीतिक मोर्चे और मानसून के आसपास अनिश्चितता खत्म हो जाएगी, जिससे एफआईआई प्रवाह में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है।

पीएल को लगता है कि इस बार चुनाव नतीजे आने से पहले बाजार में गिरावट दिख सकती है। फर्म का कहना है, “हम 04 जून 2024 तक बाजार में गिरावट के दौरान खरीदारी करने की सलाह देते हैं।”

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था और बाजारों ने राजग और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) दोनों के शामन में अच्छा प्रदर्शन किया है। हालाँकि, राजग प्रमुख सुधारों को लागू करने और बुनियादी ढांचे के विकास तथा सभी वर्गों और क्षेत्रों में समावेशी विकास पर अपना ध्यान केंद्रित करने में सफल रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा घोषणापत्र विश्व स्तरीय बुनियादी ढाँचे के निर्माण और प्रौद्योगिकी परिवर्तन में निवेश पर ध्यान केंद्रित करने के साथ आर्थिक पथ पर अधिक स्पष्टता प्रदान कर रहा है ।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले तीन महीनों में, शीर्ष प्रदर्शन करने वाले क्षेत्र ऑटो, धातु, बिजली और तेल और गैस रहे हैं, जबकि आईटी सेवाओं, एफएमसीजी, बैंक और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं जैसे रक्षात्मक क्षेत्र पिछड़ गए हैं। पीएल की राय में रियल्टी, हेल्थकेयर और कैपिटल गुड्स ने अपनी सकारात्मक गति बनाए रखी है। अल्पावधि में इस प्रवृत्ति में बदलाव की संभावना नहीं लगती है।

मनोहर, उप्रेती

वार्ता

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