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बिजनेस


ट्रंप-कोरिया विवाद से शेयर बाजार लुढ़का

मुम्बई 24 सितंबर(वार्ता) उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच जारी धमकियों के सिलसिले और घरेलू अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधारने के लिए सरकार के गंभीरता से राहत पैकेज पर विचार करने से सुस्त पड़ी निवेश धारणा के कारण बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक 350.17 अंक यानी 1.09 प्रतिशत की गिरावट में 31,922.44 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 121 अंक यानी 1.20 प्रतिशत लुढ़ककर 9,964.40 अंक पर बंद हुआ।
आलोच्य सप्ताह में मात्र पहले दिन सोमवार को शेयर बाजार तेजी में रहे। कारोबार के शेष चार दिन इनमें गिरावट रही। सोमवार को वैश्विक बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों के बीच घरेलू स्तर पर दूरसंचार, पूँजीगत वस्तुएँ और टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद समूहों में हुई मजबूत लिवाली से निफ्टी 67.70 अंक की छलाँग लगाकर 10,153.10 अंक के अब तक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया। सेंसेक्स भी लगातार आठवें दिन बढ़त में रहता हुआ 151.15 अंक की तेजी के साथ डेढ़ माह के उच्चतम स्तर 32,423.76 अंक पर बंद हुआ।
मंगलवार को वैश्विक स्तर से मिले मिश्रित संकेतों के बीच एचडीएफसी,रिलायंस इंडस्ट्रीज और एलएंडटी जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयरों में बिकवाली के दबाव में निफ्टी शिखर से फिसलकर 5.55 अंक की गिरावट के साथ 10,147.55 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स भी 21.39 अंक की गिरावट के साथ 32,402.37 अंक पर बंद हुआ। लगातार आठ कारोबारी दिवस पर तेजी के बाद इस दिन इसमें पहली गिरावट आई। हालांकि इस दिन दिग्गज कंपनियों से इतर बाजार में कुल मिलाकर धारणा सकारात्मक बनी रही। बीएसई के 20 समूहों में से 14 में तेजी दर्ज की गयी। यूटिलिटीज और तेल एवं गैस समूहों के सूचकांक एक प्रतिशत से ज्यादा चढ़े। सेंसेक्स की कंपनियों में टाटा मोटर्स ने साढ़े चार फीसदी की छलाँग लगाई। सबसे ज्यादा गिरावट में कोल इंडिया रही। उसके शेयर करीब ढाई प्रतिशत टूटे।
बुधवार को दिग्गज कंपनियों में हुई बिकवाली के दबाव में सेंसेक्स 1.86 अंक लुढ़ककर 32,400.51 अंक पर सपाट बंद हुआ। निफ्टी भी 6.40 अंक फिसलकर 10,141.15 अंक पर बंद हुआ। निवेशक फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजे को लेकर सतर्कता बरतते रहे और साथ ही उत्तर कोरिया-अमेरिका तनाव के बढ़ने की संभावना से भी आशंकित रहे। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन को ‘रॉकेट मैन’ कहे जाने और उत्तर कोरियो को पूरी तरह तबाह करने के बयान से भू राजनैतिक तनाव बढ़ने की संभावना प्रबल हो गयी है। दूसरी तरफ बाजार में ओएनजीसी द्वारा नया रिजर्व खोजे जाने से सकारात्मकता भी बनी। ओएनजीसी द्वारा करीब दो करोड़ टन के तेल एवं गैस रिजर्व की खोज करने की खबर से कंपनी के शेयरों के भाव 0.96 फीसदी उछल गये ।
इस दिन सबसे अधिक गिरावट दूरसंचार समूह में देखी गयी। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण(ट्राई) द्वारा इंटरकनेक्ट यूजेज चार्ज(आईयूसी) को 14 पैसे प्रति मिनट से घटाकर छह पैसे प्रति मिनट करने से दूरसंचार क्षेत्र दबाव में आ गया। आईयूसी में की गयी इस कमी से रिलायंस जियो को लाभ होगा क्योंकि उससे सबसे अधिक आउटगोइंग कॉल जाते हैं। रिलायंस जियो अपने उपभोक्ताओं को निशुल्क कॉलिंग सेवा देती है और उसे पहले अपने हर आउटगोइंग कॉल पर 14 पैसे प्रति मिनट की दर से अन्य दूरसंचार कंपनियों को भुगतान करना होता था लेकिन अब उसे इसके लिए आगामी एक अक्टूबर से मात्र छह पैसे प्रति मिनट देने होंगे। ट्राई के इस फैसले से अन्य दूरसंचार कंपनियों को नुकसान हुआ है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि सरकार जल्द ही विकास को गति देने के लिए पैकेज की घोषणा कर सकती है। इस बयान से वित्तीय घाटा बढ़ने की आशंका के मद्देनजर निवेशकों की दिलचस्पी जोखिम भरे निवेश में घट गयी। इसी बीच अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति पर हुई दो दिवसीय बैठक के बाद जारी बयान में इस साल एक बार ब्याज दर बढ़ाने की घोषणा का असर भी शेयर बाजार पर पड़ा।
गुरुवार को आईटीसी और रिलांयस जैसे दिग्गज कंपनियों के साथ बैंकिंग कंपनियों में गिरावट तथा दवा कंपनियों में जबरदस्त तेजी के बीच मामूली गिरावट रही और सेंसेक्स 30.47 अंक फिसलकर 32,370.04 अंक पर और निफ्टी 19.25 अंक की गिरावट के साथ 10,121.90 अंक पर आ गया।
समीक्षाधीन सप्ताह के आखिरी दिन शुक्रवार को अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच वाद विवाद तेज होने से बढ़ी भू-राजनैतिक चिंता के कारण निवेशकों की धारणा कमजोर होने से शीर्ष दिग्गज कंपनियों में जमकर बिकवाली हुई, जिससे सेंसेक्स 447.60 अंक लुढ़ककर 31,922.44 अंक पर और निफ्टी 157.50 अंक की भारी गिरावट में 10,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे 9,964.40 अंक पर आ गया। विप्रो और कोल इंडिया को छोड़कर सेंसेक्स में शामिल अन्य सभी कंपनियों के शेयरों के भाव लुढ़क गये। इसी तरह निफ्टी की 51 में 47 कंपनियों में बिकवाली का जोर रहा। बीएसई के सभी 20 समूह के सूचकांक गिरावट में रहे। उत्तर कोरिया द्वारा प्रशांत महासागर में हाइड्रोजन बम का परीक्षण करने की संभावना की चर्चा के जोर पकड़ने से निवेशकों का रुझान शेयर बाजार में जोखिम भरा निवेश करने के बजाय पीली धातु में सुरक्षित निवेश के प्रति बढ़ गया है। भारतीय मुद्रा की जोरदार गिरावट भी शेयर बाजार पर हावी रही।
दिग्गज कंपनियों की तरह मंझोली और छोटी कंपनियों में भी गिरावट का रुख रहा। बीएसई का मिडकैप 362.85 अंक लुढ़ककर 15,609.89 अंक पर आैर स्मॉलकैप 394.73 अंक फिसलकर 16,293.03 अंक पर बंद हुआ।
अर्चना/शेखर
जारी वार्ता
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