मथुरा, 06 जनवरी (वार्ता) कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली मथुरा विधानसभा सीट पर आजादी के बाद से कांग्रेस का सबसे अधिक समय तक कब्जा रहा है। आजादी के बाद उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में अब तक कांग्रेस के प्रत्याशियों ने नाै बार मथुरा सीट कांग्रेस की झोली में डाली है। इनमें मथुरा वृन्दावन विधानसभा सीट से निर्वाचित विधायक एवं उत्तर प्रदेश कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता प्रदीप माथुर सबसे आगे रहे हैं। विजय की “हैट्रिक” बनाने वालों में एक मात्र विधायक श्री माथुर चार बार इस सीट पर जीत हासिल कर कांग्रेस की झोली डाली है। श्री माथुर पहली बार इस विधानसभा सीट से वर्ष 1985 में विधायक निर्वाचित हुए थे। राम मंदिर आंदोलन के दौरान पूर्व राज्यमंत्री रविकांत गर्ग ने उन्हें इस सीट पर 1989 एवं 1991 के विधानसभा चुनाव में पराजित किया था। इसके बाद दो बार वे चुनाव मैदान से बाहर थे। 1993 और 1996 के विधानसभा चुनाव में श्री माथुर की जगह इस सीट पर सेठ विजय कुमार ने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में अपना भाग्य अाजमाया था और राम लहर के चलते 1993 एवं 1996 के विधानसभा चुनाव में वे रासाचार्य पद्मश्री रामस्वरूप शर्मा से पराजित हुए थे।
वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप माथुर ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता एवं पूर्व राज्य मंत्री रविकांत गर्ग को पराजित कर अपनी पूर्व की हार का बदला ले लिया था। इसके बाद से भाजपा ने बारी बारी से दो प्रत्याशियों को उनके सामने उतारा लेकिन दोनो बार उसे पटखनी खानी पड़ी। जहां 2007 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के युवा प्रत्याशी मुरारी अग्रवाल को पराजित किया था वहीं 16वीं विधानसभा के चुनाव में उन्होंने शिक्षक देवेन्द्र शर्मा को पराजित किया था। इस चुनाव में हार जीत का अंतर बहुत कम होने के कारण देवेन्द्र शर्मा ने उनके खिलाफ चुनाव पेटीशन दायर किया था जिसका उच्चतम न्यायालय से निर्णय आना अभी बाकी है। श्री माथुर की हैट्रिक 2002 के चुनाव से शुरू हुई थी जो 2012 के चुनाव में पूरी हुई। भाजपा इस बार उनके खिलाफ किसी दमदार प्रत्याशी को उतारने का मन बना चुकी है। इस विधानसभा सीट पर मतदाताओं की संख्या 4,24,082 है जिसमें 2,32,635 पुरूष एवं 1,91,286 महिला तथा 161 अन्य मतदाता हैं। इस सीट पर कांग्रेस से प्रदीप माथुर एवं बसपा से योगेश द्विवेदी को छोड़कर अभी तक बाकी राजनीतिक दलों द्वारा प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की गई है। अब देखना यह है कि इस सीट पर इस बार किस पार्टी का उम्मीदवार विजयी होता है।