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फिल्म निर्माण की विशिष्ट शैली बनायी थी फिरोज खान ने

...पुण्यतिथि 27 अप्रैल के अवसर पर ...
मुम्बई 26 अप्रैल(वार्ता) हिन्दी फिल्मों के निर्माता. निर्देशक और अभिनेता फिरोज खान बालीवुड की ऐसी शख्सियत के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने फिल्म निर्माण की अपनी विशेष शैली बनायी थी।
फिरोज खान की निर्मित फिल्मों पर नजर डालें तो उनकी फिल्में बड़े बजट की हुआ करती थीं जिनमें बड़े, बड़े सितारे आकर्षक और भव्य सेट, खूबसूरत लोकशन, दिल को छू लेने वाला गीत, संगीत और उम्दा तकनीक देखने को मिलती थी। अभिनेता के रूप में भी फिरोज खान ने बालीवुड के नायक की परम्परागत छवि के विपरीत अपनी एक विशेष शैली गढ़ी. जो आकर्षक और तड़क,भडक वाली छवि थी। उनकी अकड़कर चलने की अदा और काउब्वाय वाली इमेज दर्शकों के मन में आज भी बसी हुई है। वह पूर्व के ..क्लाइंट ईस्टवुड.. कहे जाते थे और फिल्म उद्योग के ..स्टाइल आइकान.. माने जाते थे।
वर्ष 25 सितम्बर 1939 को बेंगलूर में जन्में फिरोज खान ने बेंगलूर के बिशप कॉटनब्वायज स्कूल और सेंट जर्मन ब्वायज हाई स्कूल से पढ़ाई की और अपनी किस्मत आजमाने के लिए मुम्बई आ गए। वर्ष 1960 में फिल्म.. दीदी.. में उन्हें पहली बार अभिनय करने का मौका मिला। इस फिल्म में वह सहनायक थे। इसके बाद अगले पांच साल तक अधिकतर फिल्मों में उन्हें सहनायक की भूमिकाएं ही मिलीं। जल्दी ही उनकी किस्मत का सितारा चमका और उन्हें 1965 में फणी मजूमदार की फिल्म .. ऊंचे लोग.. में काम करने का मौका मिला। इस फिल्म में फिरोज खान के सामने अशोक कुमार और राजकुमार जैसे बड़े कलाकार थे लेकिन अपने भावप्रवण अभिनय से वह दर्शकों में अपनी पहचान बनाने में सफल रहे ।
उसी साल फिरोज खान की एक और फिल्म.. आरजू.. प्रदर्शित हुई, जिसमें राजेन्द्र कुमार नायक और साधना नायिका थीं। इस फिल्म में उन्होंने अपने प्रेम की कुर्बानी देने वाले युवक का किरदार निभाया। 1969 में उनकी फिल्म आयी.. आदमी और इंसान..। इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ सहनायक का पुरस्कार मिला।
फिरोज खान अपने भाई संजय खान के साथ भी कुछ फिल्मों में दिखाई दिए।जिनमें उपासना,मेला,नागिन जैसी हिट फिल्म शामिल है।
प्रेम, संतोष
जारी वार्ता
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