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बहुमुखी प्रतिभा के तौर पर विशिष्ट पहचान बनायी कमल हसन ने

(जन्म दिवस 07 नवंबर के अवसर पर)
मुम्बई 06 नवंबर (वार्ता) अपने चार दशक लंबे सिने करियर में कमल हसन ने कई सुपरहिट फिल्मों में अपने दमदार
अभिनय से दर्शकों का दिल जीता लेकिन शुरुआती दौर में उन्हें वह दिन भी देखना पड़ा जब एक फिल्म निर्देशक ने
उनसे यहां तक कह दिया कि उनमें अभिनय क्षमता ही नहीं है।
सत्तर के दशक में कमल जब अभिनेता के रूप में अपनी पहचान बनाने के लिये संघर्ष कर रहे थे। उस दौरान
उन्हें दो फिल्मों से बाहर कर दिया गया। फिल्म के निर्देशक श्रीधर ने तो उनसे यह तक कह दिया था कि उनमें
अभिनेता बनने की काबिलियत नहीं है। बेहतर है कि वह अभिनेता बनने के बजाये पर्दे के पीछे रहकर अपना हुनर
दिखाये। कमल हासन का जन्म 07 नवंबर 1954 को तमिलनाडु के परमकुडी में हुआ था। उनके पिता चाहते थे कि
उनके तीन बच्चों में कम से कम एक बच्चा अभिनेता बने। अपनी इसी चाहत को पूरा करने के लिये उन्होंने कमल
हासन को अभिनेता बनाने का निश्चय किया ।
कमल हासन ने अपने सिने करियर की शुरूआत बतौर बाल कलाकार 1960 में प्रदर्शित फिल्म “कलाथुर
कनम्मा” से की। ए. भीम सिंह के निर्देशन में बनी इस फिल्म में उन्होंने अपने दमदार अभिनय से न सिर्फ दर्शकों का
दिल जीता बल्कि वह राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किये गये। फिल्म “कलाथुर कनम्मा” की सफलता के बाद कमल
हासन ने कुछ फिल्मों में बतौर बाल कलाकार काम किया। इसके बाद उन्होंने लगभग नौ वर्षों तक फिल्म इंडस्ट्री से
किनारा कर लिया।
सत्तर के दशक में अपने पिता के जोर देने पर उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और अपना ध्यान फिल्म इंडस्ट्री की
ओर लगा दिया। इस बीच. अपने पिता के कहने पर उन्होंने नृत्य की भी शिक्षा हासिल की और कुछ फिल्मों में सहायक
नृत्य निर्देशक के रूप में भी काम किया। वर्ष 1973 में कमल हसन को दक्षिण भारत के जाने फिल्मकार के. बालचंद्र की फिल्म “अरंगेतरम” में काम करने का अवसर मिला। वर्ष 1975 में प्रदर्शित फिल्म “अपूर्वा रंगानगल” मुख्य अभिनेता के रूप में उनको सिने कैरियर की पहली हिट साबित हुयी।
प्रेम, उप्रेती
जारी वार्ता
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