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समानान्तर फिल्मों में सशक्त पहचान बनायी फारूख शेख ने

..पुण्यतिथि 27 दिसंबर के अवसर पर ..
मुंबई 26 दिसंबर(वार्ता) बॉलीवुड में फारूख शेख शुमार को एक ऐसे अभिनेता के तौर पर याद किया जाता है जिन्होंने समानांतर सिनेमा के साथ ही व्यावसायिक सिनेमा में भी दर्शकों के बीच अपनी खास पहचान बनायी ।
फारूख शेख का जन्म गुजरात के बड़ौदा में 25 मार्च 1948 को जमींदार घराने में हुआ । उनके पिता मुस्तफा शेख मुंबई में जाने माने वकील थे। फारूख शेख ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के सेंट मैरी स्कूल से पूरी की । इसके बाद उन्होंने मुंबई के ही सेंट जेवियर्स कॉलेज से आगे की पढ़ाई पूरी की । इस बीच फारूख शेख ने वकालत की पढ़ाई पूरी की और पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिला ले लिया । इसके बाद वह भारतीय जन नाट्य संघ(इप्टा) से जुड़ गये और सागर सरहदी के निर्देशन में बनी कई नाटकों में अभिनय किया ।
सत्तर के दशक में बतौर अभिनेता फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने के लिये फारूख शेख ने मुंबई में कदम रख दिया । वर्ष 1973 में प्रदर्शित फिल्म ..गरम हवा ..से उन्होंने अपने सिने करियर की शुरूआत की । यूं तो पूरी फिल्म अभिनेता बलराज साहनी पर आधारित थी लेकिन फारूख शेख ने दर्शकों के बीच अपनी पहचान बनाने में सफल रहे। फारूख शेख मुंबई में लगभग छह साल तक संघर्ष करते रहे। आश्वासन तो सभी देते लेकिन उन्हें काम करने का अवसर कोई नही देता था। हालांकि इस बीच उन्हें महान निर्देशक सत्यजीत रे की फिल्म ..शतरंज के खिलाड़ी ..में काम करने का अवसर मिला लेकिन उन्हें कुछ खास फायदा नहीं हुआ ।
फारूख शेख की किस्मत का सितारा निर्माता-निर्देशक यश चोपड़ा की 1979 में प्रदर्शित फिल्म ..नूरी ..से चमका । बेहतरीन गीत-संगीत और अभिनय से सजी इस फिल्म की कामयाबी ने न सिर्फ उन्हें बल्कि अभिनेत्री पूनम ढिल्लों को भी .स्टार. के रूप में स्थापित कर दिया । फिल्म में लता मंगेशकर की आवाज में ..आजा रे आजा रे मेरे दिलबर आजा गीत..आज भी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देता हैं । वर्ष 1981 में फारूख शेख के सिने कैरियर की एक और महत्वपूर्ण फिल्म ..उमराव जान ..प्रदर्शित हुयी। मिर्जा हादी रूसवा के मशहूर उर्दू उपन्यास पर आधारित इस फिल्म में उन्होंने नवाब सुल्तान का किरदार निभाया जो उमराव जान से प्यार करता है । अपने इस किरदार को फारूख शेख ने इतनी संजीदगी से निभाया कि सिने दर्शक आज भी उसे भूल नही पाये है। इस फिल्म के सदाबहार गीत आज भी दर्शकों और श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।
प्रेम टंडन
जारी वार्ता
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