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पवार के खिलाफ दायर जनहित याचिका को खारिज करने की मांग की

नागपुर, 15 जनवरी (वार्ता) महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने नागपुर खंडपीठ में एक हलफनामा दायर कर उनके खिलाफ सिंचाई परियोजना से संबंधित करोड़ो रुपये के घोटाले की जनहित याचिका को खारिज करने की मांग की।
श्री पवार ने मंगलवार को हलफनामा दायर कर कहा कि जनहित याचिका में गलत आरोप लगाये गये है इसलिए इसे खारिज किया जाय। उन्होंने हलफनामे में आगे कहा गया है कि उन्होंने मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए वह किसी भी भ्रष्ट, प्रेरित या दुर्भावनापूर्ण कार्य में लिप्त नहीं हुए हैं।
उप मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि वर्तमान जांच को केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या प्रवर्तन निदेशालय
(ईडी) को देने की आवश्यकता नहीं है।
नागपुर में सिंचाई परियोजना में अनियमितता की जांच कर रही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने पिछले वर्ष दिसंबर 2019 को श्री पवार को क्लीन चिट दी थी।
बाम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ के समक्ष प्रस्तुत हलफनामे के अनुसार श्री पवार तब विदर्भ सिंचाई विकास निगम के अध्यक्ष थे। महाराष्ट्र में वर्ष 1999 से 2014 तक कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस की सरकार थी। श्री पवार उस समय सिंचाई विभाग के प्रभारी थे और उसी दौरान कई सिंचाई परियोजनाओं में घोटाले की बात सामने आयी थी।
पिछले वर्ष नवंबर में श्री पवार ने जब महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडनवीस के साथ सरकार बनाने के लिए हाथ मिलाया था तब दूसरे दिन ही उन्हें सिंचाई घोटाले से क्लीन चिट मिल गयी थी।
त्रिपाठी, उप्रेती
वार्ता
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