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योगी आदित्यनाथ ने पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है: तापसे

मुंबई, 16 जून (वार्ता) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने गुरुवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है क्योंकि पूर्व न्यायाधीशों और वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) को स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है।
श्री तापसे ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि मुसलमान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार की हालिया दमनकारी कार्रवाइयों के बीच उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों, वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने सीजेआई को पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया है। पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा प्रवक्ता द्वारा की गई विवादास्पद टिप्पणी पर उन्होंने यह बात कही।
श्री तापसे ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रशासन ने मुसलमान प्रदर्शनकारियों के वैध घरों को बुल्डोजर से गिरा दिया और पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर पुलिस की बर्बरता के वीडियो भरे पड़े हैं। यह सब देश के सबसे बड़े राज्य में हो रहा है जो भगवान राम का जन्म स्थली है। उन्होंने पूछा कि खुद को योगी कहने वाले मुख्यमंत्री ने अपने ही प्रशासन द्वारा किए जा रहे अत्याचारों से आंखें मूंद ली हैं, क्या यह भारतीय जनता पार्टी का वादा किया गया राम राज्य है।
उत्तर प्रदेश में नागरिकों के अधिकारों को राज्य प्रशासन के इशारे पर कुचला जाता है। श्री तापसे ने टिप्पणी की कि मुसलमानों और दलितों के प्रति भाजपा की असहिष्णुता सर्वविदित है और इसलिए वह समय दूर नहीं जब भाजपा शासित अन्य राज्य अल्पसंख्यकों की आवाज को दबाने के लिए कठोर, दमनकारी और असंवैधानिक तरीके अपना सकते हैं।
उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और कुछ अन्य वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने सीजेआई को पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश प्रशासन के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेने की मांग की है।
श्री तापसे ने नागरिकों से इस तरह के कृत्यों की निंदा करने और यूपी राज्य प्रशासन से संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने का आग्रह करने के लिए अपील की है।
त्रिपाठी, उप्रेती
वार्ता
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