राज्य » गुजरात / महाराष्ट्रPosted at: Mar 31 2024 10:13AM मनोरंजन-मीना कुमारी अनाथालय दो अंतिम मुंबईवर्ष 1964 मे मीना कुमारी और कमाल अमरोही की विवाहित जिंदगी मे दरार आ गई। इसके बाद मीना कुमारी और कमाल अमरोही अलग अलग रहने लगे। कमाल अमरोही की फिल्म ..पाकीजा ..के निर्माण मे लगभग चौदह वर्ष लग गए। कमाल अमरोही से अलग होने के बावजूद मीना कुमारी ने शूटिंग जारी रखी क्योंकि उनका मानना था कि पाकीजा जैसी फिल्मों मे काम करने का मौका बार बार नहीं मिल पाता है।मीना कुमारी के करियर में उनकी जोड़ी अशोक कुमार के साथ काफी पसंद की गई। मीना कुमारी को उनके बेहतरीन अभिनय के लिये चार बार फिल्म फेयर के सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से नवाजा गया है। इनमें बैजू बावरा,परिणीता,साहिब बीबी और गुलाम और काजल शामिल है। मीना कुमारी यदि अभिनेत्री नहीं होती तो शायर के रूप में अपनी पहचान बनाती। हिंदी फिल्मों के जाने माने गीतकार और शायर गुलजार से एक बार मीना कुमारी ने कहा था , ये जो एक्टिग मैं करती हूं उसमें एक कमी है .ये फन. ये आर्ट मुझसे नही जन्मा है ख्याल दूसरे का .किरदार किसी का और निर्देशन किसी का। मेरे अंदर से जो जन्मा है .वह लिखती हूं जो मैं कहना चाहती हूं वह लिखती हूं। मीना कुमारी ने अपनी वसीयत में अपनी कविताएं छपवाने का जिम्मा गुलजार को दिया जिसे उन्होंने ..नाज..उपनाम से छपवाया।सदा तन्हा रहने वाली मीना कुमारी ने अपनी रचित एक गजल के जरिये अपनी जिंदगी का नजरिया पेश किया है. .. चांद तन्हा है आसमां तन्हा दिल मिला है कहां कहां तन्हा राह देखा करेगा सदियों तक छोड़ जायेगें ये जहां तन्हा .. अपने संजीदा अभिनय से दर्शको के दिल पर राज करने वाली मीना कुमारी 31 मार्च 1972 को सदा के लिये अलविदा कह गयी।मीना कुमारी के करियर की अन्य उल्लेखनीय फिल्में है..आजाद,एक हीं रास्ता,यहूदी,दिल अपना और प्रीत पराई,कोहीनूर,दिल एक मंदिर,चित्रलेखा,फूल और पत्थर,बहू बेगम,शारदा,बंदिश,भींगी रात,जवाब,दुश्मन आदि प्रेमवार्ता