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सामाजिक कार्याें की पृष्ठभूमि ही है मेरी ताकत: सुनेत्रा पवार

बारामती 09 अप्रैल (वार्ता) राजनेताओं के परिवार में जन्म लेने और फिर महाराष्ट्र की राजनीति में ऊंचे रसूख वाले परिवार में शादी होने के बावजूद सुनेत्रा पवार ने स्वयं को लंबे अर्से तक राजनीतिक सुर्खियों से दूर रखा और खुद को मुख्य रूप से सामाजिक सेवा तक ही सीमत रखा है। सुश्री पवार ने कहा कि सामाजिक कार्य उनकी ताकत है।
सुश्री सुनेत्रा की अब तक राजनीतिक गतिविधि महज महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार के प्रचार अभियान को पर्दे के पीछे से संभालने तक ही सीमित थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा और 60 वर्षीय सुनेत्रा को उनके पति श्री पवार की अध्यक्षता वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी द्वारा बारामती से लोकसभा उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया है साथ ही उन्हें राज्य के सत्तारूढ़ महायुति (महागठबंधन) का समर्थन प्राप्त है। बारामती में उनका मुकाबला अपनी ही ननद सुप्रिया सुले से है, जो मौजूदा सांसद और महाराष्ट्र की राजनीति के दिग्गज नेता शरद पवार की पुत्री हैं।
बारामती लंबे समय से पवार परिवार का गढ़ रहा है और पिछले तीन दशकों से श्री शरद पवार स्वयं इस निर्वाचन क्षेत्र पर काबिज रहे हैं, लेकिन इस निर्वाचन क्षेत्र में ऐसा पहली बार हो रहा है कि पवार परिवार के दो सदस्यों के बीच चुनावी टक्कर होगी।
सुश्री सुनेत्रा ने दावा किया, “मतदाताओं की बदलती मानसिकता और राजनेताओं से बदलती अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए, सामाजिक कार्यों में एक मजबूत पृष्ठभूमि उनकी ताकत है।”
उन्होंने कहा कि उनके सामाजिक कार्यों का दायरा स्थानीय से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक व्यापक है। वर्तमान समय में मतदाताओं की मानसिकता बदल रही है। न केवल नए मतदाता, बल्कि पुरानी पीढ़ी के मतदाता भी अब केवल भावनात्मक मुद्दों पर वोट देने को तैयार नहीं हैं।
सुश्री सुनेत्रा ने कहा, “मतदाता विकास चाहते हैं। इसलिए, मैं ऐसा काम चाहती हूं जो समाज की प्रगति में मदद करे।''
पर्यावरण पर काम करने वाली संस्था एनवायर्नमेंटल फोरम ऑफ इंडिया के संस्थापक का मानना ​​है कि किसी को 'पेड़ लगाओ, पेड़ जियो' जैसे नारों तक नहीं रुकना चाहिए। पर्यावरण संरक्षण हर किसी की नैतिक जिम्मेदारी है।
इस आदर्श वाक्य को अपनाते हुए कि पर्यावरण संरक्षण का अर्थ मानव जाति की सुरक्षा है, ईएफआई प्रभावी ढंग से जागरूकता को बढ़ावा दे रहा है। इसके बारे में काम करें। इसी प्रकार ईएफआई जल संरक्षण एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी सक्रिय है। श्रीमती सुनेत्रा ने देश में ‘इको विलेज’ की अवधारणा को पेश करने की भी पहल की है।
उन्होंने कहा कि पवार परिवार द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थान विद्या प्रतिष्ठान ने बारामती के लिए एक अलग पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश विकास की राह पर तेजी से दौड़ रहा है। उन्होंने कहा, “महागठबंधन मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाकर इस विकास प्रक्रिया को तेज करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
अपनी पत्नी के लिए सक्रिय रूप से चुनाव प्रचार में व्यस्त उपमुख्यमंत्री पवार को भरोसा है कि बारामती के मतदाता सुश्री सुनेत्रा को दिल्ली में उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजेंगे।
उन्होंने यह भी दावा किया कि निर्वाचन क्षेत्र के कर्मचारी, व्यापारी, शहरी और ग्रामीण युवा, महिलाएं और मुख्य रूप से किसान उन्हें बहुत समर्थन दे रहे हैं।
पूर्व मंत्री पद्मसिंह पाटिल की बहन और पहली बार चुनावी मैदान में उतरने के बावजूद जनसंपर्क में कमी नहीं देखी जा रही हैं। हालांकि अंतिम निर्णय सात मई को मतदाता सुश्री सुनेत्रा की किस्मत का फैसला इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में बंद करेंगे। मतदान का परिणाम चार जून को आयेगा।
सैनी, उप्रेती
वार्ता
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