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ईडी ने संजय राउत के भाई प्रवीण की 73.62 कराेड़ रुपये की अचल संपत्ति की कुर्क

मुंबई, 24 अप्रैल (वार्ता) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), मुंबई ने पात्रा चॉल पुनर्विकास मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत के भाई प्रवीण राउत की 73.62 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया है।
यह मामला मेसर्स गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (जीएसीपीएल) की ओर से मुंबई के गोरेगांव में पात्रा चॉल परियोजना के पुनर्विकास में कथित अनियमितताओं से संबंधित है। कुर्क की गई संपत्तियों में आरोपी प्रवीण राउत और उनके करीबी सहयोगियों के पालघर, दापोली, रायगढ़, ठाणे और उसके आसपास के कई भूमि पार्सल शामिल हैं।
आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू), मुंबई ने महाराष्ट्र गृहनिर्माण व क्षेत्रविकास प्राधिकरण (म्हाडा) के अभियंता की ओर से दायर शिकायत के आधार पर मेसर्स जीएसीपीएल, राकेश कुमार वाधवान, सारंग कुमार वाधवान और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी तथा 11 दिसंबर 2020 को इस मामले में आरोप पत्र दाखिल किया था। इसी प्राथमिकी और आरोप पत्र के आधार पर ईडी ने जांच शुरू की।
ईडी की जांच से पता चला कि मेसर्स जीएसीपीएल, जिसे 672 किरायेदारों के पुनर्वास के लिए पात्रा चॉल परियोजना के पुनर्विकास का काम सौंपा गया था, महत्वपूर्ण वित्तीय कदाचार में शामिल रही है। सोसायटी, म्हाडा और जीएसीपीएल के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किये गये थे, जिसमें डेवलपर (जीएसीपीएल) को 672 किरायेदारों को फ्लैट प्रदान करना था, म्हाडा के लिए फ्लैट विकसित करना था और उसके बाद शेष भूमि क्षेत्र को बेचना था।
मेसर्स जीएसीपीएल के निदेशकों ने म्हाडा को गुमराह किया और 672 विस्थापित किरायेदारों के पुनर्वास हिस्से और म्हाडा (महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी) के लिए फ्लैटों का निर्माण किये बिना नौ डेवलपर्स के साथ धोखाधड़ी करके करीब 901.79 करोड़ रुपये में फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) बेचने में कामयाब रहे।
यामिनी
वार्ता
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