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कलराज की गैर मौजूदगी में देवरिया बनेगा त्रिकोणीय लड़ाई का गवाह

कलराज की गैर मौजूदगी में देवरिया बनेगा त्रिकोणीय लड़ाई का गवाह

देवरिया, 16 अप्रैल (वार्ता) मंदिरों का शहर कहे जाने वाले देवरिया में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज नेता कलराज मिश्र की गैरमौजूगी में 19 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार बन रहे हैं।

पूर्वांचल के खास शहर देवरिया का जिक्र पौराणिक ग्रंथों में भी है। मंदिरों का शहर कहे जाने वाले देवरिया के नाम का मतलब ही 'देवताओं का एरिया' है। करीब ढाई हजार वर्ग किलोमीटर में फैला देवरिया 1946 में गोरखपुर से अलग होकर अस्त्तिव में आया था। हिन्दू बाहुल्य इस जिले में हालांकि साक्षरता दर 60 फीसदी के करीब है।

पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के कलराज मिश्र ने यहां बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नियाज अहमद को हराकर जीत का परचम लहराया था। हालांकि इस बार हालात तनिक जुदा है। भाजपा ने इस दफा रमापति राम त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाया है जिनका मुकाबला बसपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुये नियाज अहमद से है। मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के लिये गठबंधन ने बिहार के विनोद जायसवाल को चुनाव मैदान में उतारा है।

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