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चुनाव देवरिया मुकाबला तीन अंतिम देवरिया

भाजपा उम्मीदवार रमापति राम त्रिपाठी पड़ोसी जिला गोरखपुर के मूल निवासी हैं। उनको विश्वास है कि जनता यहां हुये विकास कार्यों को देखते हुए और मोदी को दुबारा प्रधानमंत्री बनाने के लिये उन्हें संसद में भेजेगी। कुल मिलाकर 19 मई को होने वाले मतदान में यहां त्रिकोणीय लड़ाई देखने को मिल सकती है।
1957 में हुए आम चुनावों में रामजी वर्मा प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते थे जबकि 1957 से 1971 तक कांग्रेस के विश्वनाथ राय ने यहां लगातार तीन जीत हासिल की। 1977 में जनता दल के देवता मणि त्रिपाठी ने कांग्रेस की लगातार चौथी जीत पाने के सपनों पर पानी फ़ेर दिया। 1980 में देवता मणि त्रिपाठी निर्दलीय जीतकर देवरिया के प्रतिनिधि के रूप में लोकसभा पहुंचे थे। राज मंगल पाण्डेय ने 1984 में कांग्रेस और 1989 में जनता दल के टिकट पर यहां जीत हासिल की।
वर्ष 1991 में जनता दल ने एक बार फिर से इस सीट पर कब्ज़ा किया, 1996 में प्रकाश मणि त्रिपाठी ने भारतीय जनता पार्टी को देवरिया में पहली बार जीत दिलवाई, 1998 में सपा के मोहन सिंह और 1999 में भाजपा के प्रकाश मणि त्रिपाठी ने लोकसभा में देवरिया का प्रतिनिधित्व किया। 2009 में बहुजन समाज पार्टी ने यहां अपनी जीत का खाता खोला लेकिन साल 2014 में उससे भाजपा ने ये सीट छीन ली और कलराज मिश्र यहां से सांसद चुने गए।
सं प्रदीप
वार्ता
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