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उचित भूमि मुआवजा न मिलने से नाराज हैं उशकारा निवासी

श्रीनगर, 26 मार्च (वार्ता) जम्मू- कश्मीर के बारामूला के कई निवासी प्रस्तावित बाईपास सड़क के लिए अपनी जमीन के अधिग्रहण के लिए दिए जा रहे मुआवजे से नाराज हैं।
बारामूला शहर के उशकारा के निवासियों (जिनकी भूमि बारामूला श्रीनगर राजमार्ग के प्रतिष्ठित चार लेन के तहत बाईपास सड़क के लिए अधिग्रहित की जा रही है) ने कहा कि सरकार द्वारा दिया जा रहा मुआवजा शहर के मानदंडों के अनुसार नहीं है।
एक निवासी मोहम्मद अशरफ ने कहा, “उशकारा नगरपालिका सीमा के अंतर्गत है और यहां तक कि हमने यहां जो घर बनाए हैं, उन्हें नगरपालिका समिति से अनुमति की आवश्यकता है, लेकिन अब जब हमारी जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है, तो हमें नगर निगम की सीमा से बाहर माना गया है, जिससे हमें परेशानी हो रही है।” उन्होंने कहा कि बाईपास के लिए अधिग्रहीत भूमि पूर्ण विकसित सेब के बगीचों से होकर गुजरती है और कई निवासी उनसे अपनी आजीविका चलाते हैं।
उन्होंने कहा,“अब जब सड़क के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है, तो जहां तक मुआवजे का सवाल है तो हमें न्याय की जरूरत है।”
निवासियों ने पहले ही मुआवजे की राशि की समीक्षा के लिए कश्मीर के संभागीय आयुक्त सहित संबंधित अधिकारियों से मुलाकात की थी, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। एक अन्य निवासी ने कहा,“अब हम अपनी याचिका के साथ अदालतों का रुख करने पर विचार कर रहे हैं क्योंकि अधिकारियों ने हमारी शिकायतों का समाधान नहीं किया है।” उन्होंने कहा कि खानपोरा, रंगवार और कंठबाग सहित शहर के अन्य इलाकों में बागवानों को काफी अच्छा मुआवजा दिया जा रहा है, जबकि उशकारा में लोगों को भूमि अधिग्रहण के लिए मुआवजे के रूप में सबसे कम दरों की पेशकश की जा रही है, जो सरासर अन्याय है।
निवासियों ने केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन से अपील की है कि उन्हें अन्य इलाकों की तरह मुआवजा दिया जाए। बारामूला जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मुआवजा क्षेत्र में प्रचलित स्टांप दरों के अनुसार दिया जाता है।
एक अधिकारी ने कहा,“अगर कोई व्यथित है, तो एक उचित प्रक्रिया है, जिसका उन्हें पालन करना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण के लिए सभी प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है।
प्रस्तावित बाईपास सड़क श्रीनगर से आते समय राजमार्ग के बाईं ओर कनीसपोरा से शुरू होगी और लगभग 13 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए कनीसपोरा इलाके के बाहरी इलाके में निकलेगी।
इस परियोजना के लिए अधिग्रहित अधिकांश भूमि (जो श्रीनगर-बारामूला राष्ट्रीय राजमार्ग चौड़ीकरण और उन्नयन परियोजना का तीसरा चरण है) में बारामूला की प्रमुख बागवानी भूमि शामिल है, जो अपनी लाल स्वादिष्ट सेब किस्मों के लिए प्रसिद्ध है।
प्रस्तावित बाईपास सड़क राजमार्ग के रणनीतिक बारामूला-उरी खंड से जुड़ी होगी जो नियंत्रण रेखा पर अंतिम चौकी कामां तक जाती है। बारामूला उरी राजमार्ग को डबल लेन करने का काम भी चल रहा है।
संतोष.संजय
वार्ता
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