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जे एडं के एसए ने भारतीय छात्रों की सुरक्षा को लेकर जयशंकर को लिखा पत्र

जे एडं के एसए ने भारतीय छात्रों की सुरक्षा को लेकर जयशंकर को लिखा पत्र

श्रीनगर, 14 अप्रैल (वार्ता) जम्मू-कश्मीर छात्र संघ (जे एंड के एसए) ने केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर ईरान और इज़रायल के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर इन दोनों देशों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों की सुरक्षा को लेकर कदम उठाने की मांग की है।

संघ ने कहा है कि ईरान और इज़रायल में पढ़ने वाले छात्रों के बीच भय और तनाव का माहौल है। संघ ने डॉ. जयशंकर से भारतीय छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई का आग्रह किया है।

इस संबंध में जे एंड के एसए ने विदेश मंत्री को पत्र लिख कर कहा है, "ईरान की जवाबी कार्रवाई ने भारतीय छात्रों के बीच चिंताएं बढ़ा दी हैं और वे आगे सैन्य वृद्धि के बढ़ते खतरे के बीच अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।"

पत्र में कहा गया है कि छात्रों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए तुरंत सक्रिय कदम उठाए जाने चाहिए। संघ ने कहा, “सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, हम मंत्रालय से छात्रों को वास्तविक समय पर अपडेट और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए ईरान और इज़रायल में भारतीय दूतावासों के साथ संचार की सीधी लाइनें स्थापित करने का आग्रह करते हैं। सुरक्षा प्रोटोकॉल, निकासी प्रक्रियाओं और आपातकालीन संपर्कों के बारे में स्पष्ट और संक्षिप्त जानकारी तुरंत साझा की जानी चाहिए।"

पत्र में कहा गया है कि यदि आवश्यक हो तो भारतीय छात्रों को खतरे के रास्ते से सुरक्षित निकालने की सुविधा के लिए मंत्रालय को संबंधित मेजबान सरकारों, राजनयिक मिशनों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर सहयोग करना चाहिए।

संघ ने कहा, “स्थिति बिगड़ने पर निकासी योजनाएं तैयार की जानी चाहिए और तत्काल कार्यान्वयन के लिए तैयार होनी चाहिए। हम इन छात्रों के साथ सीधे समन्वय में हैं, और यह स्पष्ट है कि वे सामने आ रही घटनाओं के कारण भय और चिंता से ग्रस्त हैं। कश्मीर में उनके परिवार चिंतित हैं, और माता-पिता हर समय रो रहे हैं, उनकी सुरक्षा के लिए चिंतित हैं।”

कश्मीरी छात्रों ने ईरान की हालिया जवाबी कार्रवाई के आलोक में अपनी सुरक्षा और कल्याण के लिए गहरी चिंता व्यक्त करते हुए तत्काल हमसे संपर्क किया है। पत्र में कहा गया है कि उन्होंने अपनी सुरक्षा के मद्देनजर वापसी सुनिश्चित करने के लिए शीघ्र निकासी उपाय करने का ईमानदारी से अनुरोध किया है।इसके अलावा, छात्रों को मनोवैज्ञानिक सहायता सेवाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए, विशेषकर उन लोगों को जो तनाव और चिंता के ऊंचे स्तर का अनुभव कर रहे हैं।

संघ ने कहा है कि जरूरतमंद लोगों को भावनात्मक समर्थन और सहायता प्रदान करने के लिए परामर्श संसाधन और हॉटलाइन स्थापित की जानी चाहिए।

पत्र में लिखा गया है, “वर्तमान अस्थिर स्थिति के मद्देनजर ईरान और इज़रायल में भारतीय छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उनके डर को कम करने और उनकी भलाई सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम तेजी से उठाए जाने चाहिए।”

संतोष,आशा

वार्ता

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