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त्रिवेदी को पुराने साथी से मिल रही कड़ी चुनौती

त्रिवेदी को पुराने साथी से मिल रही कड़ी चुनौती

कोलकाता, 18 अप्रैल (वार्ता) पूर्व रेल मंत्री और मौजूदा सांसद दिनेश त्रिवेदी को पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले की बैरकपुर संसदीय सीट पर लगाातार तीसरी बार जीत का सेहरा बांधने में अपनी ही पार्टी तृणमूल कांग्रेस के पुराने साथी एवं भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अर्जुन सिंह से कड़ी चुनौती मिल रही है।

तृणमूल उम्मीदवार श्री त्रिवेदी सबसे कम अवधि तक रेल मंत्री रहे थे। उनके तृणमूल प्रमुख एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ भी काफी घनिष्ठ संबंध हैं।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के गढ़ रहे इस सीट पर वर्ष 2009 के लोक सभा चुनाव में श्री त्रिवेदी ने कांग्रेस के समर्थन के सहारे छह बार से सांसद रहे माकपा नेता तारित तोपदार को 56 हजार मतों से हराया था। तोपदार वर्ष 1989 से लगातार इस सीट पर जीत हासिल कर रहे थे लेकिन श्री त्रिवेदी ने उनकी जीत के रथ को वहीं रोक दिया।

श्री त्रिवेदी ने वर्ष 2014 के चुनाव में माकपा की वरिष्ठ नेता सुभाषिनी अली को हराकर दूसरी बार इस सीट पर कब्जा किया था।

श्री त्रिवेदी को तीसरी बार इस सीट पर जीत हासिल करने में एड़ी चोटी एक करनी पड़ रही है क्योंकि इस बार उनका मुकाबला अपने पुराने सहयोगी से राजनीतिक विरोधी बने अर्जुन सिंह से है जो भाजपा की टिकट पर उनके खिलाफ मैदान में हैं। इसी संसदीय क्षेत्र के एक विधान सभा का प्रतिनिधित्व करने वाले पार्टी टिकट से वंचित अर्जुन ने गत माह तृणमूल छोड़ कर भाजपा का दामन थाम लिया था।

बैरकपुर के भाटपारा विधान सभा सीट के विधायक तृणमूल के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे हैं। अर्जुन पिछले लगातार चार बार से विधायक रहे हैं तथा इलाके में ‘बाहुबली’ के ताैर पर जाने जाते हैं।

स्थानीय लोगों के मुताबिक अर्जुन पिछले कई वर्षाें से श्री त्रिवेदी का काम देखते रहे हैं लेकिन अब दोनों के बीच स्पष्ट विभाजन रेखा खींच चुकी है। जब सुश्री बनर्जी ने पार्टी उम्मीदवारों की सूची घोषित कर दी तो बैरकपुर से टिकट मिलने की सभी आशा धूमिल हो गयी। इसके बाद उनके समक्ष भाजपा में शामिल होकर टिकट लेकर मैदान में उतरने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं शेष रहा।

श्री त्रिवेदी पार्टी के कई महिला एवं पुरुष कार्यकर्ताओं के पार्टी छोड़ कर जाने को ‘घर सफाई कार्यक्रम’ बताया। उन्होंने अपनी जीत के प्रति विश्वास व्यक्त करते हुए कहा,“अर्जुन सिंह के भाटपारा विधान सभा क्षेत्र में मुझे 2500 वोटों का नुकसान हुआ है। अब लोग उन्हें दिखाएंगे कि उन्होंने ऐसा क्यों किया? मैं स्वीकार करता हूं कि उन्होंने जो कुछ भी पहले किया उसपर हम आखें मूंदे रहे।”

श्री त्रिवेदी ने श्री सिंह की दावेदारी काे साफ खारिज करते हुए कहा कि उनके ‘बाहुबली’ होने की छवि का फायदा उन्हें ही मिलेगा। उन्होंने कहा,“यह मेरे लिए फायदेमंद है। लोग नहीं चाहते कि कोई बाहुबलि संसद में उनका प्रतिनिधित्व करे। वह यहां के श्रमिकों से पैसे वसूलता है।”

यह पूछे जाने पर कि स्थानीय लोग उन्हें ‘लापता’ सांसद मानते हैं जो केवल चुनाव के दौरान दिखाई देता है तो श्री त्रिवेदी ने कहा,“सांसद का काम संसद में होता है। व्यवस्था सब की जानकारी में है। हरेक व्यक्ति के लिए काम बंटा हुआ है। मैं कई बार अपने संसदीय क्षेत्र में रहा तथा कोई दूसरा काम नहीं किया।”

संजय, श्रवण

जारी वार्ता

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