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गोवर्धन करेंगे अलग अलग घटाओं के अनुरूप श्रृगांर

गोवर्धन करेंगे अलग अलग घटाओं के अनुरूप श्रृगांर

मथुरा, 20 अगस्त (वार्ता) कान्हा नगरी मथुरा के विख्यात दानघाटी मंदिर मे 22 अगस्त से शुरू होने वाले घटा महोत्सव में भगवान गोवर्धन की मनोहारी झांकियां श्रद्धालुओं काे प्रेम रस के सागर में डुबोने को तैयार हैं। महोत्सव रक्षाबंधन तक चलेगा।

दानघाटी मंदिर के सेवायत रामेश्वर पुरोहित ने सोमवार को बताया कि एकादशी से रक्षाबंधन के बीच पांच दिनो में गोवर्धन महाराज के श्रंगार के लिए अलग अलग घटाएं सजाई जाएंगी। गिरिराजजी के साथ मंदिर परिसर भी एक ही रंग में रंगा होगा। रंग विशेष के पर्दे, पोशाक, जेवरात के साथ ठोड़ी पर सजा लाल रंग का हीरा प्रभु की झांकी को एकटक निहारने के लिए भक्तों को मजबूर करेगा।

घटा महोत्सव वास्तव में ठाकुर का सावन का विशेष श्रंगार है। विभिन्न प्रकार की घटा डालकर मंदिर का वातावरण ऐसा तैयार किया जाता है जैसे मंदिर के जगमोहन में ही रंग बिरंगे बादल छा गए हों। चूंकि इन्द्र के संवर्तक मेघों की मूसलाधार वर्षा को कन्हैया ने गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उंगली में सात दिन रात धारण कर ब्रजवासियों की रक्षा की थी इसलिए मंदिरों में घटा डालकर ब्रजवासी कान्हा के प्रति एक प्रकार से कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।

सेवायत पुरोहित ने बताया कि दानघाटी गिरिराज के लिए पांच दिन तक पांच अलग-अलग रंग की घटाओं की झांकी तैयार की जा रही हैं। जिस रंग की घटा होगी, गिरिराजजी उसी रंग की पोशाक और जेवरात धारण करेंगे तथा उसी रंग के अधिकांश फूल श्रंगार में प्रयोग किये जाएंगे। स्वर्ण मुकुट के साथ मस्तक पर सजा कस्तूरी तिलक और गालों पर चंदन भी उसी रंग का होगा। प्रभु के प्रसाद में उसी रंग की वस्तुओं को वरीयता दी जाएगी, यहां तक कि दूध को भी वही रंग देकर भोग लगाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि घटाओं के क्रम में 22 अगस्त को हरी, 23 को पीली, 25 को लाल तथा 26 को सफेद घटा डाली जाएगी। 24 अगस्त को कालीघटा में प्राकृतिक काली घटा का स्वरूप होगा जिसमें घनघोर वर्षा एवं बिजली की कड़क भी दिखाई जाएगी। कुल मिलाकर मंदिर का घटा महोत्सव एक इतिहास लिखेगा।

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