गोंडा 18 दिसम्बर (वार्ता) उत्तर प्रदेश के गोंडा में पार्वती आरगा बिहार झील इन दिनों प्रवासी पक्षियों के कलरव से गुंजायमान है। जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर स्थित वजीरगंज प्रखंड के टिकरी वन में स्थित झील में विदेशी मेहमान पक्षियों के चहचहाहट पर्यटकों का मन मोह रही है। साइबेरिया और अफगानिस्तान समेत अन्य देशों से आये रंग बिरंगे विदेशी मेहमान पक्षी अपनी मृदुल चहचहाहट और मनमोहक अटखेलियों से दूर दराज से आ रहे पर्यटकों को खूब लुभा रहे हैं। शरद ऋतु की शुरुआत से ही साइबेरिया में जबरदस्त बर्फबारी से पक्षियों को भोज्य पदार्थ का अकाल पड़ने लगता है। इसके कारण साइबेरियन पक्षी भोजन की तलाश मे भटककर यहां के पक्षी बिहार मे नवम्बर मास लगते ही उड़ान भर कर डेरा जमा लेते हैं। करीब चार महीने के प्रवास के बाद मार्च मे बसंत ऋतु का आगमन होते ही ये पक्षी अपने गंतव्य स्थान पर लौट जाते हैं। चार महीने पक्षी विहार पर्यटकों की बढ़ती आमद से हरा भरा रहने के कारण वन विभाग को काफी लाभ होता है। इन दिनों दुर्लभ जाति व प्रजातियों के पण्कौआ, पिहो, जांघिल, ड्बारु, तिवारी, नीलसर, लालसर, सीकपर, पिंटेल, सलही, बारंकटा, बगुला, मैना, तोता, सारस, मोर और अन्य सुरीले पक्षियों ने अपने कलरव से पक्षी बिहार की हवाओं को भी संगीतमय सुरीली बना दिया है। अफगानिस्तान से आये हाईबैक्टेल ने पर्यटको को सम्मोहित कर जैसे अपनी मृदु वाणी के वश मे कर कैद कर रखा है। लुभावने विदेशी पक्षी लौटते समय प्रजनन भी करते है। पक्षियों के संग वन क्षेत्र मे पाये जाने वाले दुर्लभ सर्प, वन्यजीव भी पर्यटकों को दिलखुश हरकतों से लुभा रहे हैं। वन विभाग सूत्रों के अनुसार,बहेलियों और शिकारियों की टेढ़ी नज़र से पक्षियों को बचाये रखने के लिये वनरक्षकों को सतर्क कर दिया गया है। सं प्रदीप राज वार्ता