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मुम्बई


शंकर और जयकिशन के बीच भी हुयी थी अनबन

(शंकर की पुण्यतिथि 26 अप्रैल के अवसर पर)
मुंबई 25 अप्रैल (वार्ता) भारतीय सिनेमा जगत में सर्वाधिक कामयाब संगीतकार जोड़ी शंकर-जयकिशन ने अपने सुरों के जादू से श्रोताओं को कई दर्शकों तक मंत्रमुग्ध किया और उनकी जोड़ी एक मिसाल के रूप में जानी जाती थी लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया जब दोनों के बीच अनबन हो गयी थी।
शंकर और जयकिशन ने एक दूसरे से वादा किया था कि वह कभी किसी को नहीं बतायेगे कि धुन किसने बनायी है लेकिन एक बार जयकिशन इस वादे को भूल गये और मशहूर सिने पत्रिका फिल्मफेयर के लेख में बता दिया कि फिल्म संगम के गीत “ये मेरा प्रेम पत्र पढ़कर कि तुम नाराज न होना” की धुन उन्होंने बनाई थी। इस बात से शंकर काफी नाराज भी हुये। बाद में पार्श्वगायक मोहम्मद रफी के प्रयास से शंकर और जयकिशन के बीच हुये मतभेद को कुछ हद तक कम किया जा सका।
शंकर सिंह रघुवंशी का जन्म 15 अक्टूबर 1922 को पंजाब में हुआ था। बचपन के दिनों से ही शंकर संगीतकार बनना चाहते थे और उनकी रूचि तबला बजाने में थी। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बाबा नासिर खानसाहब से ली
थी। इसके साथ ही उन्होंने हुस्न लाल भगत राम से भी संगीत की शिक्षा ली थी।
अपने शुरूआती दौर मे शंकर ने सत्यनारायण और हेमावती द्वारा संचालित एक थियेटर ग्रुप में काम किया। इसके साथ ही वह पृथ्वी थियेटर के सदस्य भी बन गये जहां वह तबला बजाने का काम किया करते थे। इसके साथ ही पृथ्वी थियेटर के नाटकों मे वह छोटे मोटे रोल भी किया करते थे।
प्रेम, उप्रेती
जारी वार्ता
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