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उत्तराखंड में सशक्त नारी सम्मान समारोह आयोजित

देहरादून, 23 मार्च (वार्ता) उत्तराखंड के देहरादून में सोसाइटी फॉर हेल्थ, एजुकेशन एंड वुमेन एंपावरमेंट की ओर से विभिन्न महिलाओं को ‘नारी शक्ति सम्मान-2024’ प्रदान किया गया।
राजपुर रोड स्थित आर्थोपेडिक, स्पाइन एवं मेटरनिटी सेंटर में आयोजित इस समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि राज्य महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, विशिष्ठ अतिथि द्वय पद्मश्री डा बीकेएस संजय और भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी ने संयुक्त रूप से किया।
श्रीमती कंडवाल ने अपने उद्बोधन में महिलाओं को सुझाव दिया कि आपको जो भी जिम्मेदारी मिले, उसे पूरी ईमानदारी से पूरा करें। इससे आपके घर, परिवार में सुख, शांति और समृद्धि बढ़ेगी, साथ ही, जीवन स्तर निश्चित रूप से ऊंचा होगा। उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम महिलाओं को अपने परिवार का ध्यान रखना चाहिए।
पद्मश्री डॉ. बी. के. एस. संजय ने कहा कि महिलाएं समाज का सर्वाधिक महत्वपूर्ण अंग हैं। वह एक बार जब वे शिक्षित हो जाती हैं, तो परिवार, समाज और राष्ट्र के साथ, अपने समकक्षों के साथ समान रूप से योगदान करती हैं। उन्होंने कहा कि ऑक्सफोर्ड लैंग्वेज डिक्शनरी के अनुसार, दबंग का मतलब, जो किसी से दबे नहीं, निडर या प्रभावशाली हो अर्थात, दूसरे शब्दों में जो आत्मविश्वास से भरा हो। उन्होंने इसकी व्याख्या करते हुए कहा कि मेरे अनुसार, ही (एचई) के दोनो अक्षरों में एच का मतलब हेल्थ, अर्थात, स्वास्थ और ई का मतलब एजुकेटेड यानि शिक्षित है। उन्होंने कहा कि मेरे विचार से देश को राष्ट्र निर्माण के लिए, केवल दबंग पुरुषों की ही नहीं, बल्कि दबंग महिलाओं यानि ही वूमेन की भी आवश्यकता है।
अन्य विशिष्ट अतिथि नेहा जोशी ने कहा कि महिलाओं की जो इच्छाऐं हैं, उन्हें पूरी करने के लिए कम से कम महिलाओं को तो उनका साथ देना ही चाहिए। कर्यक्रम की अन्य विशिष्ट अतिथि डॉक्टर विप्र विष्णु ने कहा कि टीवी लाइलाज नहीं है। इसका इलाज किया जा सकता है। अक्सर माना जाता है कि पहाड़ों में टीबी की बीमारी नहीं होती है, परंतु ऐसा मानना गलत है।
वक्ताओं में आचार्या डाॅ. अन्नपूर्णा ने कहा कि महिलाओं का सशक्तीकरण हमारे देश में तो वैदिक काल से ही चल रहा है। डाॅली डबराल ने कहा कि किसी भी देश की संस्कृति और उन्नयन में नारी की भूमिका अग्रणी है। भारतीय नारी विश्व में अद्वितीय है क्योंकि इनमें सभी भाव समाहित होते हैं। कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. सुधारानी पांडे ने कहा कि किसी भी परिवार के बनाने में जितना महत्तव मां का है, उतना किसी का नहीं। स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डाॅ. सुजाता संजय ने कहा कि आज के परिदृश्य में महिलाओं की बहुत सी जिम्मेदारियां हैं, लेकिन महिलाओं को अपने बच्चों एवं परिवार के प्रति अपनी पहली जिम्मेदारी समझनी चाहिए क्योंकि मां ही बच्चे की पहली गुरू होती है। ऑर्थोपीडिक सर्जन डॉ. गौरव संजय ने कार्यक्रम में पधारे हुए सभी अतिथियों एवं महानुभावों का आभार प्रकट किया एवं धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में, शर्मिला भरतरी, मधु जैन, पूर्णिमा बिष्ट, शीतल हरदेव सिंह, आचार्य डॉ. अन्नपूर्णा, डॉ. सविता मोहन, डॉली डबराल, स्नेहा भारद्वाज, संध्या बिष्ट, डाॅ. मीनू वैश, डाॅ. मान्सी वैश, अनीता सक्सेना, सुनीता सिंह एवं रेशमा शाह को सशक्त नारी सम्मान 2024 से सम्मानित किया गया।
सुमिताभ.संजय
वार्ता
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