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नाबार्ड ने उत्तराखंड के विकास में दिया गत वर्ष की तुलना में 42 फीसदी अधिक वित्तीय योगदान

देहरादून, 04 अप्रेल (वार्ता) राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, उत्तराखंड राज्य में सर्वश्रेष्ठ कार्य निष्पादन का प्रदर्शन करते हुए ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इस वर्ष नाबार्ड ने राज्य सरकार, राज्य में कार्यरत बैंकों और अन्य विकास हितधारकों को 4,113 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की, जिसमें 4,098 करोड़ रुपये का ऋण तथा 15 करोड़ रुपये का अनुदान शामिल है। यह पिछले वर्ष की वित्तीय सहायता ₹2,937 करोड़ से 42 प्रतिशत अधिक है।
नाबार्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक, जन संपर्क, पारित गुप्ता ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि इस समय अवधि में, वित्तीय सहायता में मुख्य रूप से 3,292 करोड़ रुपये सहकारी बैंकों व उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक को कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों के लिए पुनर्वित्त दिया गया, ताकि राज्य के सभी किसानों को कृषि कार्यों के लिए सस्ती दरों पर ऋण प्राप्त हो सके। उन्होंने बताया कि इसमें 1,224 करोड़ रुपये अल्पकालीन पुनर्वित्त (शॉर्ट टर्म), 586 करोड़ रुपये दीर्घकालीन पुनर्वित्त (लॉग टर्म) तथा 1,482 करोड़ रुपये राज्य सहकारी बैंक एवं जिला सहकारी बैंकों को सीधी पुनर्वित्त सहायता (डायरेक्ट रिफाइनेंस एसिस्टेंस) के रूप में प्रदान की गई। इससे राज्य के लगभग 09 लाख किसान लाभान्वित हुए।
श्री गुप्ता ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाओं को स्थापित करने के लिए, आरआईडीएफ योजना के तहत, राज्य सरकार को 753 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई जोकि पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 23 फीसदी अधिक है। साथ ही वर्ष 2023-24 के दौरान आरआईडीएफ के अंतर्गत 904 करोड़ रुपये की 410 नयी परियोजनाएं स्वीकृत की जो पिछले वर्ष ₹778 करोड़ की तुलना में 16 फीसदी अधिक है। उन्होंने बताया कि उक्त वर्ष के दौरान, स्वीकृत नए एवं प्रभावशाली प्रोजेक्ट्स में मुख्यतः राज्य में 1.5 लाख लीटर प्रति दिन क्षमता वाली डेयरी प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने की परियोजना, केदारनाथ यात्रा मार्ग में घोड़े एवं खच्चरों के लिए 03 ट्रांज़िट पशु अस्पतालों की इकाइयों को स्थापित करने की परियोजनाएं, आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि नाबार्ड ने राज्य की स्थापना से अब तक, राज्य सरकार को 11,712 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया है, जिससे राज्य में खेती के लिए नहरी पानी की पहुँच, कृषि में स्प्रिंकल और टपक सिंचाई को बढ़ावा, राज्य में बागवानी फसलों को प्रोत्साहन, ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन की सुविधा, सुदूर क्षेत्रों में शैक्षणिक भवनों का निर्माण, बाढ़ रोकथाम, आदि को बढ़ावा मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि नाबार्ड द्वारा सी.सी.एफ. सहायता (फ़ेडरेशन को ऋण सुविधा) के अंतर्गत, पहली बार 100.00 करोड़ रुपये स्वीकृत तथा 51 करोड़ रुपये वितरित किए गए। जिससे उत्तराखण्ड राज्य सहकारी संघ द्वारा कृषि उत्पादों के विपणन हेतु उपयोग में लाया गया है। नाबार्ड अपनी विभिन्न विकासात्मक कार्यों एवं पहलों के माध्यम से राज्य के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसी ध्येय को पूरा करने हेतु नाबार्ड ने वर्ष 2023-24 के दौरान बैंकों/ एनजीओ / प्रोड्यूसर संस्थानों/ कृषि विज्ञान केन्द्रों / विश्वविद्यालयों, इत्यादि को विभिन्न पहलों यथा वित्तीय समावेशन फ़ंड, एसएचजी/ जेएलजी के संवर्धन हेतु, वॉटर शेड विकास निधि, आदिवासी विकास निधि, ग्राम्या विकास निधि, पीओडीएफ, सहकारी विकास निधि, प्रोड्यूस फ़ंड, क्लाइमेट चेंज तथा अनुसंधान और विकास निधि के अंतर्गत ₹15 करोड़ की अनुदान सहायता वितरित की है तथा 7.60 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता भी स्वीकृति की है। इन सब विकासात्मक कार्यों एवं पहलों की वजह से राज्य में लोगों के कौशल में वृद्धि, जागरूकता के स्तर में वृद्धि, रोजगार के और अधिक अवसर और अंतत: उनकी आय में बढ़ोत्तरी होगी।
सुमिताभ, संतोष
वार्ता
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04 May 2024 | 2:58 PM

बेंगलुरू 04 मई (वार्ता) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में हासन से सांसद प्रज्वल रेवन्ना द्वारा कथित यौन उत्पीड़न के मामलों में त्वरित कार्रवाई तथा पीड़ितों को सहायता प्रदान करने के लिए शनिवार को मुख्यमंत्री सिद्दारमैया से आग्रह किया है।

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