Saturday, May 4 2024 | Time 20:57 Hrs(IST)
image
राज्य » अन्य राज्य


ईश्वरप्पा ने कर्नाटक के शिवमोग्गा से किया निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन

बेंगलुरु, 12 अप्रैल (वार्ता) कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बागी नेता केएस ईश्वरप्पा ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी से टिकट नहीं मिलने के बाद शुक्रवार को शिवमोग्गा संसदीय सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया।
भाजपा ने निर्वाचन आयोग से श्री ईश्वरप्पा को अपने प्रचार अभियान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरों का उपयोग करने से रोकने का अनुरोध किया है।
शिकायत में कहा गया है कि शिवमोग्गा से निर्दलीय उम्मीदवार केएस ईश्वरप्पा जनता को गुमराह कर रहे हैं कि वह श्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेताओं की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं। वह बता रहे हैं कि वह भाजपा का हिस्सा है, जो गलत है।
शिवमोग्गा में बीवाई राघवेंद्र को मैदान में उतारकर भाजपा यह स्पष्ट कर चुकी है कि श्री ईश्वरप्पा यहां से पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार नहीं हैं।
निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के बावजूद श्री ईश्वरप्पा का प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के साथ खुद को जोड़ने की कोशिश पार्टी की छवि के लिए एक चुनौती है और संभावित रूप से मतदाताओं को भ्रमित कर सकती है।
इससे पहले आज, श्री ईश्वरप्पा ने कई शिकायतें की, जिसमें वंशवादी नियंत्रण के खिलाफ श्री मोदी के रुख के बावजूद पार्टी में बीएस येदियुरप्पा परिवार की प्रभुता शामिल है।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, “ प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि एक पार्टी एक परिवार के हाथों में नहीं होनी चाहिए, लेकिन कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा के एक बेटे भाजपा अध्यक्ष हैं और दूसरे सांसद है। मैं इसके खिलाफ चुनाव लड़ रहा हूं।”
श्री ईश्वरप्पा ने राज्य में भाजपा के कुछ वर्गों के बीच असंतोष को भी उजागर किया, विशेष रूप से उन लोगों के बीच जो हिंदुत्व की विचारधारा में दृढ़ता से विश्वास करते हैं।
उन्होंने उल्लेख किया कि हिंदुत्ववादी सिद्धांतों के कट्टर समर्थक माने जाने वाले नेताओं को पार्टी में प्रभावशाली पदों से दरकिनार कर दिया गया है या हटा दिया गया है। उन्होंने कहा, “सीटी रवि, अनंत कुमार हेगड़े, नलिन कुमार कतील, प्रताप सिम्हा सभी हिंदुत्ववादी नेताओं को बाहर निकाल दिया गया है, मैं ऐसा इसलिए कर रहा हूं ताकि 'हिंदुत्ववादी' को जगह मिल सके।”
निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का श्री ईश्वरप्पा का निर्णय भाजपा में हिंदुत्ववादी आवाजों को कथित हाशिये पर रखे जाने की प्रतिक्रिया माना जा रहा है।
अभय, यामिनी
वार्ता
image