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कर्नाटक में शाम पांच बजे तक 63.90 प्रतिशत मतदान

बेंगलुरु, 26 अप्रैल (वार्ता) कर्नाटक में शुक्रवार को लोकसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण के मतदान में अपराह्न तीन बजे तक 63.90 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले।
चुनाव आयोग ने यह जानकारी दी। मांड्या 74.87 प्रतिशत मतदाताओं की मजबूत भागीदारी दर के साथ सबसे अधिक मतदान वाला लोकसभा क्षेत्र बनकर उभरा है। इसके विपरीत, बेंगलुरु सेंट्रल में सबसे कम मतदान दर्ज किया गया, जहां केवल 48.61 प्रतिशत मतदाताओं ने ही वोट डाले। उत्तर बेंगलुरु में 50.04 प्रतिशत और दक्षिण बेंगलुरु में 49.37 प्रतिशत मतदान हुआ। बेंगलुरु ग्रामीण में 61.78 प्रतिशत मतदान हुआ।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति और पूर्व क्रिकेट दिग्गज राहुल द्रविड़ जैसी प्रमुख हस्तियों ने मतदान के महत्व पर जोर दिया और नागरिकों से चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया। राज्य के विभिन्न मतदान केंद्रों पर सात बजे से पहले से ही मतदाताओं की कतार लग गयी।
एक तरफ जहां बेंगलुरु के लोकसभा क्षेत्र भाजपा के गढ़ बने हुए हैं, कांग्रेस का लक्ष्य विशेष रूप से बेंगलुरु दक्षिण और बेंगलुरु सेंट्रल में पैठ बनाना है। बेंगलुरु दक्षिण में मुख्य मुकाबला कांग्रेस की सौम्या रेड्डी और भाजपा के तेजस्वी सूर्या तथा बेंगलुरु सेंट्रल में कांग्रेस के मंसूर अली खान और भाजपा के पीसी मोहन के बीच है।
उडुपी चिक्कमगलूर में 72.13 प्रतिशत, हासन में 72.13 प्रतिशत, तुमकुर में 72.10 प्रतिशत, दक्षिण कन्नड़ में 71.83 प्रतिशत, कोलार में 71.26 प्रतिशत, चिकबल्लापुर में 70.97 प्रतिशत, चामराजनगर में 69.60 प्रतिशत, मैसूरु में 65.85 प्रतिशत और चित्रदुर्ग में 67 प्रतिशत मतदान हुआ।
चुनाव आयोग ने सुचारू चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए राज्य भर में लगभग 1.40 लाख मतदान अधिकारियों को तैनात किया, जिन्हें 5,000 माइक्रो-पर्यवेक्षकों और 50,000 नागरिक पुलिस अधिकारियों ने समर्थन दिया। इसके अलावा, मतदान प्रक्रिया के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और आरक्षित सशस्त्र बलों की 65 कंपनियों को तैनात किया गया था।
आयोग ने शहरी क्षेत्र में मतदान को लेकर उदासीनता की चुनौती को पहचानते हुए विशेष रूप से बेंगलुरु जैसे महानगरीय क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए सक्रिय उपाय लागू किये। अत्यधिक गर्मी के प्रभाव को कम करने और वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांग व्यक्तियों के लिए पहुंच सुनिश्चित करने के विशेष प्रयास किये गये।
विश्लेषकों ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में मतदाताओं की भागीदारी को प्रभावित करने वाले कारकों की जानकारी देते हुए अनुमान जताया था कि शाम होने तक मतदान प्रतिशत में तेज वृद्धि होगी।
यामिनी
वार्ता
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