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पार्लियामेंट


संसदीय कार्य मंत्री विजय गोयल और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद सिंह गहलाेत ने इसका विरोध किया और कहा कि मामला अदालत में हैं और यह सदन में नहीं उठाया जा सकता।
श्री अग्रवाल ने कहा कि वह न्यायालय में मामले की नहीं बल्कि सरकार के हलफनामे की चर्चा कर रहे हैं। श्री कुरियन ने कहा कि यह व्यवस्था का प्रश्न नहीं है और इसकी इस समय अनुमति नहीं दी जा सकती। यह समय गैर सरकारी सदस्यों के विधायी कामकाज का है। सदस्य इसे सोमवार को उठा सकते हैं।
गौरतलब है कि सरकार ने उच्चतम न्यायालय में एक हलफनामा दायर कर सांसदों और विधायकों से संबंधित मुकदमों के जल्दी निपटारे के लिए विशेष अदालतें गठित करने की बात कही थी जिसपर न्यायालय ने सहमति जताते हुए अगले वर्ष मार्च ऐसी अदालतें गठित करने को कहा है।
सत्या उनियाल
वार्ता
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