पार्लियामेंटPosted at: Dec 15 2017 5:36PM सांसदों,विधायकों के लिए विशेष अदालतें गठित करने का मामला उठा राज्यसभा में
नयी दिल्ली 15 दिसंबर (वार्ता) सांसदों और विधायकों के खिलाफ दायर मामलों को जल्दी निपटाने के लिए विशेष अदालतें गठित करने के सरकार के फैसले पर समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल ने सवाल उठाते हुए आज राज्यसभा में कहा कि इससे देशभर में जनप्रतिनिधियों के अपराधी होने का संदेश गया है।
भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होने पर श्री अग्रवाल ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि संसद सदस्य और विधानसभा सदस्य कोई आतंकवादी या अपराधी नहीं है जिनके मामले निपटाने के लिए विशेष अदालतें गठित की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से देश भर में संदेश गया है कि सभी सांसद और विधायक अपराधी हैं। उन्होंने कहा, ‘ हमें संसद में विशेषाधिकार मिले हैं लेकिन समाज में हम सामान्य नागरिक हैं।’
विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने श्री अग्रवाल की बात से सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि यह गंभीर मामला है। इस पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए अन्यथा एक दिन सब ‘जेल’ में चले जाएगें।
सदन में कांग्रेस के उप नेता अानंद शर्मा ने सरकार के इस कदम को संविधान के अनुच्छेद 13 और 14 का उल्लंघन बताया। उन्होेंने कहा कि ये दोनों अनुच्छेद मौलिक अधिकारों से संबंधित हैं और नागरिकों को विधि के समक्ष समानता का अधिकार प्रदान करते है। उन्होेंने कहा कि सांसदों और विधायकों के लिए विशेष अदालतों का गठन करना उनके विधि के समक्ष समानता के अधिकार का हनन करना है।
सत्या उनियाल
जारी वार्ता