Wednesday, May 8 2024 | Time 22:25 Hrs(IST)
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पार्लियामेंट


विधेयक में मध्यस्थता केन्द्र के जरिए विवादों के निबटान,समाधान और सुलह से जुड़े विषयों में अनुसंधान और अध्ययन का सवंर्धन करने का प्रावधान है । साथ ही इससे जुड़े प्रशिक्षण मुहैया कराने ,संगोष्ठियां और सेमीनार आयोजित करने तथा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर प्रत्यापित सुलहकर्ताआें का पैनल बनाने की भी बात कही गयी है। इसके अलावा मध्यस्थता से जुडे विषयों पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ सहयोग करने और अपने कार्यकलापों तथा सेवाओं के विस्तार के लिए देश विदेश में सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रावधान भी किए गए हैं।
अंतराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एनडीआइसी) का मुख्यालय दिल्ली में होगा तथा देश और विदेश में इसकी शाखाएं स्थापित की जाएंगी। केन्द्र सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा। इसमें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों प्रकार के संस्थागत आरबिट्रेशन का पर्याप्त ज्ञान व अनुभव रखने वाले दो पूर्णकालिक या अंशकालिक सदस्य होंगे। इनके अतिरिक्त केंद्र सरकार बारी बारी से किसी वाणिज्यिक और औद्योगिक निकाय के एक प्रतिनिधि को अंशकालिक सदस्य के रूप में भी नियुक्त कर सकेगी। विधि और न्याय मंत्रालय के सचिव या उनके प्रतिनिधि के तौर पर संयुक्त सचिव स्तर का कोई अधिकारी इसका पदेन सदस्य होगा। साथ ही केंद्र में वित्त मंत्रालय की तरफ से नामित एक वित्त सलाहकार भी इसका पदेन सदस्य रहेगा। केंद्र का एक मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) भी पदेन सदस्य के तौर पर होगा।

यह केन्द्र विवादों का त्वरित निबटान कर भारत में कारोबार के तौर तरीकों काे सहज बनाएगा जिससे विदशी निवेश आकर्षित करने में मदद मिल सकेगी।
मधूलिका संजीव
वार्ता
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