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पार्लियामेंट


राज्यसभा विदाई सत्र में त्यागी को वाहवाही, हनुमंत को डांट

नयी दिल्ली 13 मई (वार्ता) राज्यसभा में आज विदाई भाषण के दौरान जनता दल युनाईटेड के के सी त्यागी ने सभापति मोहम्मद हामिद अंसारी के साथ संपूर्ण सदन से वाहवाही बटोरी जबकि कांग्रेस के हनुमंत राव काे अपने व्यवहार के कारण डांट पडी।
राज्यसभा में विदाई सत्र के दौरान समय की कमी के कारण श्री अंसारी सभी सदस्यों से निश्चित समय में अपनी बात करने का अनुरोध कर रहे थे। उन्होंने श्री त्यागी से भी यही अनुरोध किया। इस पर श्री त्यागी ने कहा कि वह आज के दिन हल्की फुल्की बातें ही कहेंगे। उन्होंने कहा, ‘स्वभाव से मैं बागी हूं। भगवान की बात तो कभी कभार मान लेता हूं लेकिन हुक्मरानाें के आदेश तो मैं मानता नहीं। मैं आपके दायरे बाहर हूं इसलिए लंबे लंबे भाषण दूंगा। खूब असंसदीय भाषा का प्रयोग करूँगा आैर बाहर जाकर धारा 144 तोडूगां।’ इस पर सदन में ठहाका फूट पडा।
उन्होंने कहा कि राजनीति में विचारधारा की लडाई है और इसे अपने अपने तरीके से सब जारी रखते हैं। उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली को अपना पुराना मित्र बताते हुए कहा, ‘ अपना इतना तो फर्ज निभाओं, सांसदों के पेंशन के पैसे बढावा दो।’ इससे पहले समाजवादी पार्टी की जया बच्चन ने श्री त्यागी और भारतीय जनता पार्टी के तरुण विजय की ओर इशारा करते हुए सभापति से कहा कि ये सदन की कार्यवाही के दौरान बहुत बोलते थे इसलिए इन्हें अाज केवल एक शब्द ‘धन्यवाद’ कहने की अनुमति देनी चाहिए। श्री त्यागी ने अपनी बात इस एक शे’र के साथ खत्म की- ‘माना कि गुलशन को गुले - गुलजार न कर सके हम, कुछ खार कम सके, जहां से गुजरे हम।
कांग्रेस के हनुमंत राव को भाषण के दौरान सभापति से डाँट सुननी पडी। वह नियत समय में अपना भाषण समाप्त नहीं कर सके। श्री अंसारी ने उनसे बार बार बैठने की अपील की लेकिन वह अनसुना करते रहे। इस पर सभापति ने उनकाे तेज स्वर में बैठने का निर्देश दिया और उनका भाषण रिकार्ड में नहीं जाने के निर्देश दिए।
श्री राव और श्री त्यागी दोनों सदस्य सदन की कार्यवाही के दौरान बहुत मुखर रहे हैं और अक्सर शोर शराबा का कारण बनते रहे हैं।
सत्या राम
(वार्ता )
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