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पार्लियामेंट


मान लीड स्थगित दो अंतिम लोस

इसबीच राजग के सदस्य अपनी सीटों पर खड़े होकर ‘मान को बर्खास्त कराे’ के नारे लगाने लगे। अध्यक्ष ने इस पर सदस्यों को बोलने का मौका दिया। समाजवादी पार्टी के धर्मेन्द्र यादव और जनता दल यूनाइटेड के कौशलेन्द्र कुमार आरक्षण से जुड़ा कोई मामला उठा कर श्री मान का बचाव करने की कोशिश करते दिखायी दिये।
बीजू जनता दल के श्री मेहताब ने कहा कि हम सब संसद पर आतंकवादी हमले के गवाह हैं। हमें याद हैं कि 13 दिसंबर 2001 को आतंकवादी कैसे राज्यसभा के गेट तक आ गये थे। उन्हें याद है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी व्यथित होकर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी को फोन किया था। यह केवल नासमझी या मूर्खता का मामला नहीं है। उन्होंने मांग की कि इस मामले में एक विशेष समिति बना कर पूरी तहकीकात की जानी चाहिये।
भाजपा के आर. के. सिंह ने कहा कि श्री मान ने कहा है कि वह पुन: एेसा वीडियाे बनायेंगे। यह बहुत ही गंभीर मामला है कि देश की सुरक्षा को संकट में डालने के बाद वह ऐसा कहते हैं तो उन्हें सदन की सदस्यता से तत्काल निलंबित किया जाना चाहिये।
अखिल भारतीय अन्नाद्रमुक के श्री पी कुमार ने श्री मान के कृत्य को देश की सुरक्षा के खिलाफ बताते हुए उन पर कठोर कार्रवाई करने की मांग का समर्थन किया।
कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह इतना गंभीर मसला है कि सारा सदन इसकी एक स्वर में कठोर निंदा करता है। यह ना केवल देश और 125 करोड़ जनता के प्रतिनिधियों की सुरक्षा का प्रश्न है। संसद पर आतंकवादी हमले के वक्त उन्हें रास्तों का पता नहीं था। अगर हमारे ही लोग ऐसा करेंगे तो देश को बहुत बड़ा नुकसान हो जायेगा। लोकतंत्र को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि इस पर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिये।
शिवसेना के आनंदराव अडसूल ने कहा कि 13 दिसंबर के हमले में 13 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे और नियमों की धज्जियां उड़ाने के बावजूद श्री मान कह रहे हैं कि वह दोबारा ऐसा करेंगे। ऐसे में उन्हें तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिये।
शिरोमणि अकाली दल के प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि उन्हें इस बात का दुख है कि श्री मान उनके राज्य से सांसद हैं और उन्हीं के समुदाय के हैं लेकिन देश और संसद की सुरक्षा सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की तह तक जाने के लिये गहन जांच की जानी चाहिये और श्री मान पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिये।
श्रीमती महाजन ने कहा, “मैंने इस मसले को बहुत गंभीरता से लिया है। हम कुछ ना कुछ अवश्य करेंगे।” इसबीच श्री मान सदन में मौजूद थे। मायूस चेहरा लिये श्री मान बार बार हाथ उठाकर कुछ कहने की अनुमति मांगते रहे लेकिन अध्यक्ष ने उन्हें अनुमति नहीं दी। बाद में हंगामा जारी रहने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिये स्थगित कर दी।
सचिन. अजय
अशोक
वार्ता
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