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श्रीलंका में तमिलों के साथ अत्याचार का मामला लाेकसभा में उठा

श्रीलंका में तमिलों के साथ अत्याचार का मामला लाेकसभा में उठा

नयी दिल्ली 24 मार्च (वार्ता) आल इंडिया अन्नाद्रमुक के पी वेणुगोपाल ने श्रीलंका में तमिलों के मानवाधिकारों का उल्लंघन किये जाने का आरोप लगाते आज लोकसभा में सरकार से इस पडोसी देश के साथ दोस्ताना सम्बन्ध न रखने का अनुरोध किया । श्री वेणुगोपाल ने शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए आरोप लगाया कि श्रीलंका में वर्ष 2009 में लिट्टे के खिलाफ अभियान के दौरान कुछ दिनों में ही डेढ लाख से ज्यादा तमिलों का संहार किया गया था लेकिन वहां की सरकार इसे अंदरूनी मामला बताकर तमिलों के मानवाधिकारों के उल्लंघन की स्वतंत्र जांच से बच रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब श्रीलंका में तमिल मूल के लोगों पर अत्याचार हो रहे हैं तो भारत सरकार को उसके साथ दोस्ताना सम्बन्ध नहीं रखने चाहिए । अन्नाद्रमुक नेता ने बताया कि तमिलनाडु विधानसभा में तीन बार प्रस्ताव पारित करके पडोसी देश में तमिलों के मानवाधिकारों के उल्लंघन मामले की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की जा चुकी है । उन्होंने कहा कि श्रीलंकाई नौसेना भारतीय मछुआरों पर हमले करती रहती है लेकिन भारत सरकार ने इस पर चुप्पी साध रखी है । बीजू जनता दल के भर्तृहरि महताब ने जानना चाहा कि श्रीलंका में तमिलों के पुनर्वास के लिए केंद्र सरकार ने जो वित्तीय मदद दी थी ,उसका उपयोग सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाये गये है । उन्होंने यह भी पूछा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के कार्यकाल में लोकसभा में विपक्ष की तत्कालीन नेता सुषमा स्वराज के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल श्रीलंका गया था , उसका क्या परिणाम निकला । इस पर संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने श्रीलंका में तमिलों की सुरक्षा को गंभीर मसला बताते हुए कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज स्पष्ट कर चुकी हैं कि तमिलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार कोई कोर कसर नहीं छोडेगी । नीलिमा /मधूलिका वार्ता

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