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गौ हत्या पर मौत की सजा का प्रावधान करने वाला विधेयक राज्यसभा में पेश

नयी दिल्ली 23 मार्च (वार्ता) राज्यसभा में आज गौ हत्या पर मौत की सजा का प्रावधान करने वाले ‘गौ संरक्षण विधेयक 2017’ और संसद के कामकाज की अवधि कम से कम 100 दिन की व्यवस्था करने वाले ‘संसद (उत्पादकता में वृद्धि) विधेयक 2017’ समेत छह गैर सरकारी विधेयक पेश किए गए।
भारतीय जनता पार्टी के सुब्रमण्यम स्वामी ने सदन में गौ संरक्षण विधेयक 2017 पेश किया। इस विधेयक में गौ वंश की संख्या स्थिर करने, गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 37 और 48 का पालन करने के लिए एक प्राधिकरण का गठन करने और गौ हत्या पर मौत की सजा का प्रावधान किया गया है।
शिरोमणि अकाली दल के नरेश गुजराल ने ‘संसद (उत्पादकता में वृद्धि) विधेयक 2017 रखा। इसका समर्थन उप सभापति पी जे कुरियन ने भी किया और कहा कि संसद में कामकाज होना चाहिए तथा इसमें बाधा रोकी जानी चाहिए। विधेयक में संसद के मौजूदा तीन सत्रों के अलावा एक अतिरिक्त सत्र की व्यवस्था की गयी है और संसद का कामकाज प्रतिवर्ष कम से कम 100 होने का प्रावधान किया गया है।
सदन में गैर सरकारी विधेयकों के तहत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की वंदना चव्हाण ने ‘ शिक्षा संबंधी विशेष नि:शक्तता से ग्रस्त बालक (पहचान और शिक्षा में सहायता) विधेयक 2016, तृणमूल कांग्रेस के कनवर दीप सिंह ने ‘अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (संशोधन) विधेयक 2016, कांग्रेस के पलवई गोवर्धन रेड्डी ने ‘ संविधान (संशोधन) विधेयक 2016 (दसवीं अनुसूची का संशोधन) और भारतीय जनता पार्टी के प्रभात झा ने संविधान (संशोधन) विधेयक 2017 (अनुच्छेद 51 क का संशोधन) पेश किए।
सत्या/मधूलिका
वार्ता
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