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विस में मत विभाजन की मांग को लेकर भाजपा विधायकों ने राज्यपाल से की मुलाकात

शिमला, 28 फरवरी (वार्ता) हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायकों ने आज सुबह राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात की।
भाजपा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सती, विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर, विस के वरिष्ठ सदस्य अनिल शर्मा, रणधीर शर्मा, हंस राज और अन्य सहित भाजपा विधायकों ने सुबह लगभग 07.30 बजे राज्यपाल से मुलाकात की।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा विधायकों ने वित्तीय विधेयक पर सदन में मत विभाजन की मांग की।देर रात तक चले हाई वोल्टेज राजनीतिक ड्रामे में राजिंदर राणा, सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, इंद्रदत लखनपाल, चेतन्य शर्मा और देविंदर भुट्टो सहित छह कांग्रेस विधायकों पर कल विधानसभा व्हिप का उल्लंघन करने की खबर है, क्योंकि वे वित्तीय विधेयक पर चर्चा के दौरान विधानसभा में नहीं रहे थे और सदन का कोरम पूरा नहीं था। मंगलवार को हाई वोल्टेज ड्रामे के बीच विस अध्यक्ष ने अपराह्न के भोजना के बाद विस की कार्यवाही स्थगित कर दी थी और बाद में सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई थी।
कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि छह सदस्यों के समूह ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की थी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कल की बैठक में हिस्सा नहीं लेने वाले छह विधायकों पर पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के आरोप में कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने शाम को घोषणा की कि भाजपा ने छह विधायकों के समूह का अपहरण कर लिया है और उन्हें हरियाणा के पंचकुला में पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के नियंत्रण में रखा गया है।
पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने भी राजधानी शहर में सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया है, क्योंकि विधानसभा और शहर में तैनात करने के लिए आईआरबीएन जुन्गा, गारीवाला, सकोह और पंडोह से चार आरक्षित पुलिस बटालियन की मांग की गई है। यह स्पष्ट है कि कल राज्यसभा में मतदान के बाद राज्य में कांग्रेस के 40 सदस्यों का बहुमत तीन स्वतंत्र विधायकों के बाहरी समर्थन से घटकर 34 रह गया है। भाजपा दो दिवसीय बजट सत्र के दौरान वित्तीय विधेयक पर कांग्रेस सरकार को गिराना चाहती थी और वे ऐसा करने की कोशिश कर रहे हैं। सदन में बार-बार मत विभाजन हुआ और राज्यपाल से भी मुलाकात कर मत विभाजन की मांग की, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि वे अब तक विश्वास प्रस्ताव नहीं लाए।
भाजपा छह विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों के संपर्क में है, लेकिन राज्य विधानसभा में वे अभी भी 35 के साधारण बहुमत से पीछे हैं। अब वर्तमान विधानसभा सत्र में हिमाचल प्रदेश सरकार के 32 प्रमुखों के कटौती प्रस्तावों पर चर्चा होनी है और शेष दो दिनों के सत्र के दौरान 2024-25 बजट विधेयक पारित किया जाना है।
सं. संतोष
वार्ता
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