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अकाली, कांग्रेस सरकार ने सोची-समझी साजिश के तहत पंजाब की सरकारी संस्थाओं को बर्बाद किया: मान

साहिबजादा अजीत सिंह नगर (मोहाली), 29 फरवरी (वार्ता) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने गुरुवार को राज्य में सरकारी संस्थानों की बदहाली के लिये अकाली और कांग्रेस सरकारों को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुये कहा कि उनकी सरकार अब सरकारी संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण सुविधायें प्रदान कर रही है ताकि पंजाब में कोई भी सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा सके।
श्री मान ने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान राजनेता निजी संस्थानों के कारोबार में हिस्सा लेते थे और सरकारी संस्थानों की पूरी तरह से उपेक्षा करते थे। मुख्यमंत्री ने कहा, “ ये राजनेता इतने लालची और निर्दयी थे कि उन्होंने एक सोची-समझी साजिश के तहत पंजाब के सरकारी स्वास्थ्य और शिक्षा के बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया ताकि आम आदमी निजी संस्थानों में शिक्षा या इलाज कराने के लिये मजबूर हो जाये। ”
निजी अस्पतालों में कैंसर का इलाज इतना महंगा होता था कि आर्थिक स्थिति के कारण कैंसर रोगी इलाज नहीं करा पाता था। ये लोग निजी संस्थानों को मुनाफा कमाने की इजाजत देते थे और उस मुनाफे से कमीशन लेते थे। कष्ट के कारण लोग निराशा की स्थिति में चले गये। परिवारवाद के मोह में डूबे इन नेताओं को कभी पंजाब का दर्द महसूस नहीं हुआ, जिसके कारण पंजाब की जनता ने इन्हें घर बैठा दिया है।''
राज्य में सरकारी संस्थानों के सुधार के लिये उठाये जा रहे कदमों का जिक्र करते हुये मुख्यमंत्री ने उदाहरण के तौर पर कहा कि आज मोहाली में लोगों को समर्पित पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलेरी साइंसेज देश का दूसरा ऐसा प्रतिष्ठित संस्थान है। पंजाब
में इतनी उन्नत मशीनें हैं कि किसी निजी अस्पताल के पास भी नहीं हैं।
इस तरह का पहला संस्थान भी दिल्ली सरकार द्वारा स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में 45 मातृ-शिशु देखभाल केंद्र स्थापित कर रही है, जिनमें से 37 जनता को समर्पित कर दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि 664 आम आदमी क्लीनिक स्थापित किये गये हैं, जहां इलाज पूरी तरह से मुफ्त है और अब तक एक करोड़ से अधिक लोगों का इलाज किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने दो साल में 40,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां दी हैं। उन्होंने कहा कि ये नौकरियां पाने वालों में वे युवा भी हैं जो विदेश से लौटकर सरकारी नौकरी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के लिये रोजगार के बड़े अवसर सृजित करने के वास्ते प्रदेश में अधिक से अधिक निवेश लाने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दो साल में 70 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश हुआ है, जिससे तीन लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने शिक्षा के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों का जिक्र करते हुये कहा कि राज्य में 117 'स्कूल ऑफ एमिनेंस' स्थापित किये गये हैं, जहां बच्चों को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि अब सबसे गरीब बच्चा भी जीवन में ऊंची ऊंचाइयां हासिल करने का सपना देख सकता है क्योंकि इन स्कूलों में छात्रों को उनके वांछित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए पढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने अकाली नेता हरसिमरत बादल, बिक्रम सिंह मजीठिया और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा, अमरेंद्र सिंह राजा वारिंग और नवजोत सिद्धू को पंजाबी भाषा के अयोग्य राजनेता बताया और उन्हें पंजाबी भाषा की लिखित परीक्षा पास करने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि ये नेता कॉन्वेंट स्कूलों से पढ़े हैं, जिस कारण ये पंजाबी भाषा की परीक्षा पास नहीं कर सकते। अगर वे इन नेताओं को सवालों के जवाब बता भी दें तो भी वे जवाब सही ढंग से नहीं लिख पाते।
ठाकुर.श्रवण
वार्ता
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