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‘रूसी सेना में जबरन पंजाबी युवाओं को शामिल करने का मामला उठाया’

चंडीगढ़, 07 मार्च (वार्ता) भारतीय युवाओं को जबरदस्ती रूसी सेना में शामिल करने और उन्हें यूक्रेन युद्ध में भेजने की मीडिया रिपोर्टों के बीच, पंजाब के एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने इस मामले को विदेश मंत्रालय तथा भारत में रूसी राजदूत के सामने उठाया।
पंजाब विधान सभा में मामला उठाते हुए, श्री धालीवाल ने गुरुवार को कहा कि यह गंभीर मामला है जिसे जल्द से जल्द हल किया जाना चाहिए क्योंकि पंजाब के अधिकांश युवा विजिटर वीजा पर रूस गए थे लेकिन उन्हें जबरन रूसी सैन्य सेवाओं में शामिल कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि इनमें से एक की युद्ध के दौरान मौत हो गई।
श्री धालीवाल ने आग्रह किया कि इन युवाओं को घर लौटने में उचित सहायता प्रदान करने के लिए उचित कार्रवाई की जाए। उन्होंने मांग की कि वीज़ा मानदंडों या आव्रजन अधिनियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भी आवश्यक कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्टों से पता चला है कि इन युवाओं को नौकरी के वादे पर एजेंटों द्वारा धोखा दिया गया था और रूसी सेना के लिए ‘सहायक’ के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया गया था।
एनआरआई मामलों के मंत्री ने यह भी मांग की कि युद्ध के दौरान मारे गए युवा का शव वापस लाया जाए। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार को इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए। उन्होंने बताया कि भारत के सात युवा गगनदीप सिंह, लवप्रीत सिंह, नारायण सिंह, गुरप्रीत सिंह (21), गुरप्रीत सिंह (23) और अन्य यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में फंस गए हैं।
ठाकुर.संजय
वार्ता
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