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हिमाचल की कुल चार लोकसभा सीटों के लिए होगा चुनाव

शिमला, 16 मार्च (वार्ता) चुनाव आयोग ने 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। हिमाचल प्रदेश की कुल चार लोकसभा सीटों के लिए सातवें चरण में चुनाव होगा।
इसके साथ ही कांग्रेस के बागी छह विधायकों के अयोग्य घोषित किए जाने से खाली हुई विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव भी होगा। चुनाव आयोग के शेड्यूल के अनुसार हिमाचल की चार लोकसभा सीटों शिमला, मंडी, कांगड़ा व हमीरपुर के लिए सात मई को अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित होगी। 14 मई तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे।
आगामी 15 मई को नामांकन पत्रों की छंटनी होगी जबकि 17 मई को नामांकन वापसी होगी। एक जून (शनिवार) को मतदान होगा और चार जून को नतीजे घोषित होंगे।
इसी शेड्यूल के तहत छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी होगा। धर्मशाला, लाहौल-स्पीति, सुजानपुर, बड़सर, गगरेट, कुटलैहड़ विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव होगा। हालांकि, अयोग्य घोषित छह विधायक सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, देवेंद्र भुट्टो, रवि ठाकुर, इंद्रदत्त लखनपाल व चौतन्य शर्मा ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। मामले की सुनवाई 18 मार्च को होगी। ऐसे में सभी की नजरें अदालत के फैसले पर टिकीं हुई हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव की तारीखों का एलान करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव सात चरणों में होंगे। पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा। दूसरा चरण 26 अप्रैल, तीसरा चरण 7 मई, चौथा चरण 13 मई, पांचवा चरण 20 मई, छठा चरण 25 मई और सातवां चरण 1 जून को होगा। विभिन्न राजनीतिक दलों के स्टार प्रचारकों को चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश व्यक्तिगत रूप से उपलब्ध करवाएंगे जाएंगे। आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को रोकने के लिए यह कदम उठाया जाएगा। नेता प्रचार के दौरान रेड लाइट को क्रॉस करने से बचें। चुनाव प्रचार के लिए बच्चों का इस्तेमाल नहीं हो सकेगा। इस पर कड़ी कार्रवाई होगी। किसी भी उम्मीदवार का आपराधिक रिकॉर्ड है तो उसे तीन बार अखबार और टीवी पर बताना पड़ेगा। राजनीतिक पार्टी को भी बताना पड़ेगा कि वो उसे टिकट क्यों दे रही है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की शायरी में मतदाताओं को फर्जी खबरें और असत्यापित जानकारी आगे नहीं बढ़ाने की सलाह दी गई है। राजनीति दलों को व्यक्तिगत टिप्पणी व अभद्र भाषा के इस्तेमाल से बचना चाहिए।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव में हिंसा पर सख्त कार्रवाई होगी। चुनाव में हिंसा की बिल्कुल गुंजाइश नहीं। हिंसा मुक्त चुनाव करवाना सुनिश्चित किया जाएगा। ड्रोन से भी नजर रखी जाएगी। चुनाव में धनबल का इस्तेमाल नहीं होने दिया जाएगा। चुनाव में धन का दुरुपयोग नहीं होने दिया जाएगा। बीते विधानसभा चुनावों में हिमाचल सहित 11 राज्यों में 3400 करोड़ जब्त हुए थे। इसमें से हिमाचल से 57 करोड़ रुपये बरामद हुए। काले धन के इस्तेमाल को रोकने के भरपूर प्रयास करेंगे। कुछ राज्यों में बल का प्रयोग ज्यादा है, कुछ राज्यों में धन का प्रयोग ज्यादा होता है। हमारे पास पूरे आंकड़े हैं। राजनीतिक दलों को जिम्मेदार सोशल मीडिया व्यवहार सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है।
हिमाचल की चार लोकसभा सीटों पर होने वाले चुनाव में 2,93,875 से अधिक मतदाता पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। प्रदेश में 55,68,171 से अधिक मतदाता हैं। इनमें से 28,12,976 पुरुष, 27,55,160 महिला और 35 तृतीय लिंग मतदाता शामिल हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में 52,62,126 मतदाताओं ने मतदान किया था। लोकसभा चुनावों में मत प्रतिशतता बढ़ाने के उद्देश्य से वोटरों को पोलिंग बूथ तक ले जाने के लिए राज्य निर्वाचन विभाग विशेष अभियान चलाएगा। निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनावों के लिए खास तैयारियां की जा रही हैं। चुनावों की घोषणा से पहले ही चुनाव अधिकारियों का प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है ताकि चुनावों के दौरान कोई समस्या पेश न आए। मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग का कहना है कि लोकसभा चुनावों में मत प्रतिशतता बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। राजनीतिक पार्टी अथवा प्रत्याशी की ओर से वोटरों को किसी भी प्रकार के प्रलोभन दिए जाने पर कार्रवाई के प्रावधानों को लेकर भी लोगों को जागरूक किया जाएगा।
सं.संजय
वार्ता
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