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चुनाव:हिमाचल में आरोप-प्रत्यारोपों की राजनीति चरम पर

शिमला, 19 मार्च (वार्ता) लोकसभा चुनावों के एलान के बाद हिमाचल में आरोपों-प्रत्यारोपों की राजनीति चरम पर है। एक तरफ प्रमुख विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने महिलाओं को दिए जाने वाले 1500 रुपए के फार्म भरवाने को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताया है तो वहीं दूसरी तरफ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भी इसी मसले को लेकर मंगलवार को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है।
माकपा का कहना है कि महिलाओं को 1500 रुपए दिए जाने वाली योजना की नोटिफिकेशन आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले हो चुकी है इसलिए इसको बंद न किया जाए।
माकपा के जिला सचिव संजय चौहान ने कहा कि भाजपा महिलाओं को दिए जाने वाले 1500 रुपए के फॉर्म भरे जाने का विरोध कर रही है जो कि गलत है। भाजपा आरएसएस के दिशा निर्देश के अनुसार अपनी मनुवादी सोच को दर्शा रही है।
इस बीच श्री ठाकुर ने आरोप लगाया कि अब लोकसभा चुनाव में आचार संहिता के दौरान भी कांग्रेस की ओर से फिर से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के फोटो लगे फॉर्म प्रदेश की महिलाओं से भरवाए जा रहे हैं। एक बार फिर से चुनाव में मातृ शक्ति के साथ धोखाधड़ी करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने इसे चुनाव आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए चुनाव आयोग से तत्काल प्रभाव से रोक लगने की मांग की है।
श्री ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस खुलेआम आचार संहिता का उल्लंघन किया जा रहा है। इस संबंध में लिखित शिकायत मुख्य निर्वाचन अधिकारी से करते हुए फॉर्म भरवाने पर रोक लगाने की मांग की है।
उधर, माकपा नेताओं की ओर से भी विभिन्न मुद्दों को लेकर एक ज्ञापन मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सौंपा गया। उन्होंने सरकार से मांग की है कि यह फॉर्म लगातार भरे जाने चाहिए जिससे महिलाओं को 1500 प्रतिमाह मिल सकें। अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो 27 मार्च को सीपीआईएम ब्लॉक, मंडल और तहसील स्तर पर धरना व प्रदर्शन करेगी।
वहीं, मुख्यमंत्री सुक्खू ने सोशल मीडिया पर भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट में लिखा- भाजपा ‘काम रोको’ पार्टी बन चुकी है। राजस्थान में सरकार बनते ही ओपीएस रोक दी। हिमाचल में ओपीएस रोकने के लिए सरकार गिराने की कोशिश की। अब माताओं-बहनों को आर्थिक मदद रोकने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। ‘पैसा फेंको, सरकार गिराओ, काम रोको’ की संस्कृति हिमाचल में नहीं चलेगी।
सं.संजय
वार्ता
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