राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Apr 16 2024 7:27PM अष्टमी पर माता श्री चिंतपूर्णी के दरबार में जयकारों की गूंज, खुले कपाटऊना, 16 अप्रैल (वार्ता) उत्तर भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल माता श्री चिंतपूर्णी के दरबार में मंगलवार को अष्टमी के अवसर पर माता की विशेष पूजा अर्चना की गई। पुजारी वर्ग ने जगत कल्याण के लिए विशेष प्रार्थना की जबकि माता स्वरूप कंजकों की पूजा करते हुए प्रसाद वितरित किया गया। महाष्टमी के विशेष अवसर पर पंजाब सहित कई राज्यों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु सुबह सवेरे ही माता के पावन दर्शन के लिए मंदिर पहुंचना शुरू हो गए थे। एक तरफ जहां श्रद्धालुओं ने अष्टमी की विशेष पूजा को महत्वपूर्ण बताया। वहीं, पुजारी वर्ग ने कहा कि इस पावन अवसर पर सर्वत्र कल्याण की कामना की गई है। नवरात्रि के चलते मंदिर में शतचंडी महायज्ञ का आयोजन होता है,लेकिन नवरात्रि के उपलक्ष में अष्टमी के दिन कंजक पूजन को विशेष महत्वपूर्ण माना जाता है इसके चलते मंगलवार को मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भी चहल-पहल आम दिनों से काफी ज्यादा रही। अष्टमी की विशेष पूजा के लिए श्रद्धालुओं का माता श्री चिंतपूर्णी के दरबार पहुंचने का क्रम सोमवार को ही शुरू हो गया था। श्रद्धालुओं को कहना है कि विशेष रूप से अष्टमी पूजन के लिए वह माता चिंतपूर्णी के दरबार पहुंचते हैं। माता की पावन पिंडी के दर्शन करने के साथ मंदिर परिसर में कंजक पूजन का काफी महत्व बताया गया है। उन्होंने कहा कि माता श्री चिंतपूर्णी अपने भक्तों की हर मुराद को पूरी करने वाली है। दूसरी तरफ मंदिर के पुजारी ने बताया कि नवरात्रों के उपलक्ष्य में महा अष्टमी पर माता की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। पवित्र हवन यज्ञ में आहुतियां डालने के साथ माता सहित माता स्वरूप कंजक पूजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि अष्टमी के चलते मंदिर के कपाट आधी रात को ही श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे। उन्होंने माता श्री चिंतपूर्णी से प्रार्थना की है कि सभी श्रद्धालुओं सहित समस्त जगत का कल्याण करें।सं.संजय वार्ता