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शिमला के बरमू में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बना सिरदर्द, फैल रही बीमारियां

शिमला, 22 अप्रैल (वार्ता) हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के साथ लगते सनोडन नाला यानी बरमू गांव में बने शिमला जल प्रबंधन निगम के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की खस्ता हालत का खामियाजा आठ पंचायतों को भुगतना पड़ रहा है। प्लांट की मशीनरी काफी पुरानी हो गई है, जिसके चलते सीवरेज खुले में बह रहा है। लोगों ने बदबूदार गंदे पानी के चलते खेती करना तक छोड़ दिया है। रिश्तेदार भी गांव में मेहमानी करने से परहेज कर रहे हैं और डायरिया व पीलिया जैसी गंभीर बीमारियों से लोग ग्रस्त हो रहे हैं। प्रशासन से कई बार गुहार लगाई गई, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ।
पंचायतों के लोगों का कहना है कि यहां से जो भी पानी बह रहा है, उसका इस्तेमाल करीब आठ पंचायतों के लोग पानी पीने के लिए इस्तेमाल करते हैं। साथ ही कई पंचायतों के लोग यहां पर इस पानी का इस्तेमाल खेती करने में भी इस्तेमाल करते हैं। लेकिन यहां के पानी से खेती भी नहीं हो पा रही है। अधिकतर सब्जियां इस पानी से खराब भी हो रही हैं। किसानों की आमदनी पर भी बुरा असर पड़ रहा है। गांव के लोगों ने कंपनी को कई बार शिकायतें की हैं। लेकिन इस सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य रफ्तार ही नहीं पकड़ रहा है।
बरमू में सीवरेज ट्रीटमेंट के आसपास बाड़बंदी तो की गई है, लेकिन इसके गेट खुले रहते हैं, जिसमें कई बार पशु घुस जाते हैं और प्लांट में गिरने से कई पशुओं की मौत भी हो गई है। प्लांट से आस-पास के जंगलों के घास भी जहरीली हो गई है, जिससे पशुओं को भी बीमारियां फैल रही हैं।
गौरतलब है कि बरमू में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट 2005 का बना हुआ है। ट्रीटमेंट प्लांट की सारी मशीनें खराब हो गई थी। ऐसे में कंपनी को यहां पर नई मशीनों को लगाने के आदेश दिए थे, जो कार्य 2021 को पूरा किया जाना था, लेकिन 2024 तक भी कार्य पूरा नहीं हुआ है। ऐसे में लोगों ने मांग की है कि इस सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य शीघ्रता से किया जाए।
सं.संजय
वार्ता
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