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प्रत्याशी केंद्र सरकार की प्रस्तावित स्मार्ट मीटर योजना के बारे में स्पष्ट करें अपने विचार: शैलेन्द्र दुबे

जालंधर 22 अप्रैल (वार्ता) ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) के अध्यक्ष शैलेन्द्र दुबे ने “ वर्तमान लोकसभा चुनाव के दौरान श्रमिकों और किसानों की भूमिका पर चर्चा ” में कहा कि लोगों को मतदान से पहले बिजली क्षेत्र के संबंध में विभिन्न राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों की राय जाननी चाहिये, क्योंकि बिजली प्राप्त करना उनका अधिकार है।
श्री दुबे ने सोमवार को कहा कि लोकसभा चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को केंद्र सरकार की प्रस्तावित स्मार्ट मीटर योजना के बारे में अपने स्पष्ट विचार बताने चाहिये और वे यह कैसे सुनिश्चित करेंगे कि डिस्कॉम की वित्तीय स्थिति और खराब न हो। उन्होंने कहा कि बिजली (संशोधन) विधेयक पूरे बिजली क्षेत्र को कॉरपोरेट घरानों को सौंपने की साजिश है।
उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रस्तावित विधेयक संसद में पारित न हो। उन्हें थर्मल प्लांटों के लिए आयातित कोयले के अनिवार्य उपयोग का भी विरोध करना चाहिये, ताकि आयातित कोयले का बोझ आम उपभोक्ताओं पर न पड़े। बिजली क्षेत्र के व्यवसाय में प्रवेश के प्रस्ताव के अनुसार निजी कंपनियों द्वारा राज्य डिस्कॉम के ट्रांसमिशन नेटवर्क के उपयोग का उनसे वोट मांगने वाले उम्मीदवारों द्वारा विरोध किया जाना चाहिये।
श्री दुबे ने कहा कि बिजली की औसत लागत 2013-14 में 5.03 रुपये प्रति यूनिट से बढ़कर सात रुपये प्रति यूनिट हो गयी है। लागत में वृद्धि मुख्य रूप से बिजली क्षेत्र के निजीकरण के कारण है। मुंबई में 500 यूनिट से अधिक बिजली इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं के लिये प्रति यूनिट लागत 15.71 रुपये प्रति यूनिट कर दी गयी है। यहां तक कि 100 यूनिट तक बिजली का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं के लिये भी टैरिफ बढ़ाकर 5.37 रुपये प्रति यूनिट कर दिया गया है। बिना किसी सब्सिडी के प्रतिदिन चार घंटे 7.5 एचपी मोटर का उपयोग करने वाले किसानों को 10 हजार रुपये प्रति माह का भुगतान करने के लिए मजबूर किया जायेगा। टैरिफ का निर्धारण उपभोक्ता की भुगतान क्षमता के आधार पर किया जाना चाहिये न कि बाजार की ताकतों के आधार पर। इसके अलावा, हर राजनीतिक दल उपभोक्ताओं के एक वर्ग को मुफ्त बिजली देने का वादा कर रहा है।
एआईपीईएफ के प्रवक्ता वी के गुप्ता ने कहा कि हन्नान मोल्ला महासचिव अखिल भारतीय किसान मोर्चा, कंवरजीत सिंह बीकेयू (उगराहां), बूटा सिंह बीकेयू (दकौंडा), कृष्ण भोयर उप महासचिव एआईएफईई, एआईएलआरएसए के महासचिव एसपी सिंह, मजदूर एकता समिति के संतोष कुमार अन्य वक्ताओं में शामिल थे, जिन्होंने ऑनलाइन बैठक को संबोधित किया।
ठाकुर.श्रवण
वार्ता
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