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डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर की विरासत: विश्लेषण, मूल्यांकन विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

अमृतसर, 24 अप्रैल (वार्ता) गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के कानून विभाग के सहयोग से
डॉ. बी आर अंबेडकर चेयर ने उनकी 133वीं जयंती के अवसर पर “ डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की विरासत: विश्लेषण और मूल्यांकन ” विषय पर बुधवार को राष्ट्रीय संगोष्ठी
का आयोजन किया।
डॉ बीआर अंबेडकर चेयर की निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) कुलदीप कौर ने बुधवार को विभिन्न क्षेत्रों में डॉ अम्बेडकर के योगदान के संबंध में संगोष्ठी के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने अतिथियों, छात्रों और पेपर प्रस्तुतकर्ताओं का स्वागत किया। डॉ कुलदीप कौर ने कहा सेमिनार के विभिन्न डोमेन पर 50 से अधिक शोध पत्र प्राप्त हुये।
यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज, पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के प्रोफेसर (डॉ.) रतन सिंह ने बाबा साहब की विरासत का समग्र चित्र प्रस्तुत किया। उनका सुविचारित मत
था कि डॉ अम्बेडकर द्वारा कल्पना किया गया समाजवाद स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व
के लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकता। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि डॉ अम्बेडकर एक व्यक्ति नहीं बल्कि अपने आप में एक संस्था हैं।
कश्मीर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर (डॉ) मेहराज उद्दीन मीर राष्ट्रीय संगोष्ठी में सम्मानित अतिथि थे। उन्होंने युवा पीढ़ी को जागरूक किया कि जब भी वे निराशा में होंगे,
डॉ अंबेडकर की शिक्षायें आशा की किरण प्रदान करेंगी। उन्होंने कहा कि डॉ अंबेडकर
हिंदू धर्म के नहीं, बल्कि हिंदू धर्म में असमानता के खिलाफ थे।
ठाकुर.श्रवण
वार्ता
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