राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Apr 25 2024 5:50PM दूध को एमएसपी देने वाला देश का पहला राज्य बना हिमाचलः चंद्र कुमारशिमला, 25 अप्रैल (वार्ता) हिमाचल के कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने आज कहा है कि प्रदेश सरकार ने गाय के दूध में 13 रुपए की ऐतिहासिक वृद्धि करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 45 रुपए कर और भैंस के दूध का ख़रीद मूल्य बढ़ाकर 55 रुपए प्रति लीटर किया गया है। जिससे दूध की ख़रीद पर किसानों को एमएसपी देने वाला हिमाचल प्रदेश पहला राज्य बन गया है। चौधरी कुमार ने केद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछले दस वर्षों से केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व में जुमलों की सरकार चल रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने किसानों से उनकी आय को दोगुना करने का वादा किया था, लेकिन यह बात जुमला सिद्ध हो चुकी है। भाजपा ने किसानों की आय को दोगुना करना तो दूर, बल्कि एमएसपी पर क़ानून बनाने की मांग कर रहे किसानों की आवाज़ को बलपूर्वक कुचलने का प्रयास किया और आंदोलन कर रहे 50 से अधिक किसानों की हत्या की गई। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में संवेदनशीलता के साथ आगे बढ़ रही है। राज्य सरकार ने गाय के दूध में 13 रुपए की ऐतिहासिक वृद्धि करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य 45 रुपए कर दिया है, जबकि भैंस के दूध का ख़रीद मूल्य बढ़ाकर 55 रुपए प्रति लीटर किया गया है। उन्होंने कहा कि दूध की ख़रीद पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने वाला हिमाचल प्रदेश पहला राज्य बना है। इसके साथ ही मनरेगा मज़दूरी में 60 रुपए की ऐतिहासिक बढ़ोतरी की तथा प्राकृतिक खेती से उत्पादित गेहूं का एमएसपी 40 रुपए तथा मक्की का रेट 30 रुपए तय किया गया है। उन्होंने कहा कि पशु पालकों की आय को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार जिला कांगड़ा के ढगवार में एक लाख 50 हजार लीटर प्रतिदिन की क्षमता का दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित कर रही है, जिसकी क्षमता तीन लाख लीटर प्रतिदिन तक बढ़ाई जा सकती है। यह संयंत्र पूरी तरह से स्वचालित होगा जिस पर 226 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि खर्च की जाएगी। उन्होंने कहा कि बेसहारा पशुओं की समस्या को देखते हुए वर्तमान राज्य सरकार ने निजी गौ-सदनों में आश्रित गौवंश के लिए दिए जाने वाले अनुदान 700 रुपए को बढ़ाकर 1200 किया गया है। चौधरी कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के निरंतर प्रयास कर रही है, क्योंकि गाँव को आत्मनिर्भर बनाकर ही प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह वर्तमान राज्य सरकार की इच्छाशक्ति का प्रतीक है कि कृषि को स्वरोज़गार के रूप में प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त कृषि को आधुनिक तकनीक से जोड़कर किसानों की आय को बढ़ाना का निरंतर प्रयास किया जा रहा है। कृषि मंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के यह सभी प्रयास किसान की आय को बढ़ाने व ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होंगे।सं. उप्रेतीवार्ता