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आदिवासियों के लिए स्वीकृत राशि का अधिकतम उपयोग

जयपुर, 24 जुलाई (वार्ता) राजस्थान जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्य मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने कहा है कि प्रदेश में आदिवासियों के उत्थान के लिए स्वीकृत राशि का लगभग पूरा उपयोग किया जा रहा है।
श्री बामनिया आज विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्न का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार से आदिवासी कल्याण के लिए अधिनियम की धारा 275 (1) के तहत प्राप्त विशेष केन्द्रीय सहायता पीडी खाते में जमा हो जाने के कारण लैप्स नहीं होती। आवश्यकतानुसार इस राशि से कार्य स्वीकृत किए जाते हैं। विभाग द्वारा अन्य विभागों को काम की स्वीकृति के अनुसार राशि जारी की जाती है। प्रथम किश्त के रूप में 40 प्रतिशत राशि एवं फिर कार्य प्रगति एवं गुणवत्ता के आधार पर राशि जारी की जाती है। इसकी सेविंग पीडी खाते में जमा करा दी जाती है।
सदस्यों द्वारा केन्द्र सरकार से योजना में प्राप्त राशि एवं उपयोगिता प्रमाणपत्र की जानकारी मांगने पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सी.पी.जोशी ने हस्तक्षेप करते हुए जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्य मंत्री से कहा कि केन्द्र सरकार से विशेष केन्द्रीय सहायता के रूप में प्राप्त हुई राशि और योजनान्तर्गत व्यय लेखों की पुनः जांच कराये। उन्होंने बताया कि योजनान्तर्गत 2013-14 में 47828.92 लाख रुपये स्वीकृत हुए जिसमें 47308.76 लाख रुपये व्यय किए गए जो कुल स्वीकृत राशि का 98.91 प्रतिशत है। इसी प्रकार वर्ष 2014-15 में स्वीकृत राशि 43722.97 लाख रुपये एवं व्यय राशि 41581.82 लाख रुपये रही जो 95.10 प्रतिशत है। वर्ष 2015-16 में स्वीकृत 53440.85, व्यय 51835.04 जो 97 प्रतिशत, वर्ष 2016-17 में स्वीकृत 51723.26, व्यय 6854.84 लाख रुपये जो 90.59 प्रतिशत, वर्ष 2017-18 में स्वीकृत 50281.72 लाख रुपये में से व्यय 49624.62 रुपये जो 98.69 प्रतिशत, वर्ष 2018-19 में स्वीकृत राशि 55106.02 लाख रुपये में से व्यय 53793.79 लाख रुपये जो उपयोग 97.62 प्रतिशत रहा।
इसी प्रकार वर्ष 2019-20 में कुल 11275.45 लाख रुपये योजना में स्वीकृत हुए जिसमें से 15 जून 2019 तक 5667.67 लाख रुपये व्यय किए जा चुके हैं जो 50.27 प्रतिशत राशि है।
श्री बामनिया ने वर्ष 2013-14 से 2018-19 तक स्वीकृत राशि एवं व्यय राशि का मदवार विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-20 में लेखा अनुदान पारित होने से आईएफएमएस पर स्वीकृत राशि 11275.45 लाख रुपये के विरूद्ध गत जून तक 5667.67 लाख रुपये व्यय किया गया है। उन्होंने व्यय राशि का मदवार विवरण सदन के पटल पर रखा।
उन्होंने बताया कि संभागीय आयुक्त उदयपुर एवं जनजाति आयुक्त पद पर पृथक-पृथक अधिकारी लगाने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।
जोरा
वार्ता
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