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ई बाजार से जुड़ेंगे बुनकर उत्पाद - आलोक

जयपुर, 07 अगस्त (वार्ता) प्रमुख शासन सचिव आलोक ने कहा है कि राज्य के बुनकर उत्पादों को देश विदेश में लाभकारी मूल्य दिलाने के लिये ई कामर्स सुविधा से जोड़ा जाएगा।
श्री आलोक ने बुधवार को पंचायतीराज संस्थान में उद्योग विभाग एवं केन्द्रीय वस्त्र मंत्रालय के बुनकर सेवा केन्द्र द्वारा राष्ट्रीय हैण्डलूम दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय बुनकर पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार हैण्डलूम को बढ़ावा देने और बुनकर कल्याण के लिए ठोस कदम उठा रही है। बुनकरों को ऋण, डिजाइनिंग, प्रशिक्षण, कौशल विकास और ई कामर्स से जोड़ने जैसे कदम उठाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को नई सोच एवं मानसिकता एवं डिजाइनों के साथ आगे आने होगा और सोशियल मीडिया एवं विभिन्न एपों का इस्तेमाल करते हुए आधुनिक तकनीक से जुड़ने की पहल करनी होगी।
समारोह में आयुक्त डॉ. कृृष्णा कांत पाठक ने कहा कि बुनकर संघ एवं राजस्थान हाथ करघा विकास निगम के जरिए बुनकरों को नई तकनीक और बाजार से जोड़ने का निर्णय किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में बुनकरों की ऋण जरुरत को पूरा करने के लिए एक लाख रुपए तक के ऋण का पूरा ब्याज राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा और बुनकरों से एक लाख तक के ऋण पर एक पैसा भी ब्याज नहीं लिया जाएगा।
डॉ. पाठक ने कहा कि बुनकर उत्पादों की आज देश दुनिया में तेजी से मांग बढ़ी है। सूती वस्त्र पहली पसंद बनते जा रहे हैं। ऐसे में परंपरागत शैली के साथ ही नई तकनीक और नई डिजाइन के साथ बुनकरों को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार कलस्टर आधारित विकास एवं नियमित प्रशिक्षण सुविधा उपलब्ध कराने की व्यवस्था को अंतिम रुप देने जा रही है। बुनकर संघ के प्रबंध संचालक आरके आमेरिया ने बताया कि बुनकर उत्पादों को देश दुनिया में बाजार उपलब्ध कराने के लिए ई पोर्टल से जोड़ा जाएगा।
इस अवसर पर समारोह में पांच बुनकरों को पुरस्कृत किया। इनमें सूती साड़ी के नए डिजाइन के लिए आंवा टोंक के श्री राहुल कुमार जैन को प्रथम, बनियाना दौसा के श्री राधेश्याम कटारिया को कॉटन दरी को द्वितीय एवं मनोहर थाना झालावाड़ की श्रीमती सुमित्रा को डबल बैड खेस पर काम के लिए तीसरा पुरस्कार, लालपुरा जालौर के श्री किशनाराम को मैरिनो पट्टू और फलौदी जोधपुर के श्री नारायण कशे सूती कुशन पर नए प्रयोग के लिए संयुक्त रुप से सांत्वना पुरस्कार दिया गया। पुरस्कार स्वरुप उन्हें 21 हजार, 11 हजार, 7100 रुपये और सांत्वना पुरस्कार स्वरुप 3100-3100 रु. और शॉल एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
सुनील
वार्ता
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