राज्य » राजस्थानPosted at: Feb 24 2021 5:25PM भाजपा विधायक ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना के दर्जे के लिए केन्द्र सरकार पर बनाये दबाव-गहलोतजयपुर 24 फरवरी (वार्ता) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायकों से पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाने के लिए सहयोग करने एवं केन्द्र सरकार पर दबाव बनाने का आग्रह किया हैं। श्री गहलोत ने आज विधानसभा में राज्य के वर्ष 2020-21 के संशोधित अनुमान एवं वर्ष 2021-22 के बजट अनुमान प्रस्तुत करने के दौरान यह अनुरोध किया। उन्होंने विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि ईआरसीपी आपके वक्त की योजना है, इसे हमने आगे बढाने का फैसला किया है। हमें सबको मिलकर तेरह जिलों की योजना को आगे बढाना है। हमें रिफाइनरी की तरह ही प्रयास करने है। ऐसे कामों के लिए पीछे पड़ना पड़ता है। हमारी सरकार के वक्त रिफाइनरी के लिए जैसे मैं पीछे पड़ा था, उसी तरह ईआरसीपी के लिए भी भाजपा सांसदों विधायकों को केंद्र सरकार के पीछे पड़ना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पूर्व राजस्थान के 13 जिलों की जीवनदायिनी 37 हजार करोड़ रुपए की लगात की ईआरसीपी को धरातल पर लाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। झालावाड़, बारां, बूंदी, सवाईमाधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर अजमेर एवं टोंक जिलों में पेयजल समस्या के स्थाई समाधान के ईआरसीपी परियोजना बनाई गई जो कि बाड़मेर रिफाइनरी के पश्चात प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी परियोजना है। उन्होंने कहा कि वह विपक्ष के साथियों को याद दिलाना चाहते हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सात जुलाई 2018 एवं छह अक्टूबर को जयपुर एवं अजमेर की सभाओं में किये वादे के अनुसार ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं किया है। गत 20 फरवरी को नीति आयोग की बैठ के दौरान भी मैंने प्रधानमंत्री को उनका वादा पुन याद दलाते हुए आग्रह किया कि उनका वादा उन्हें ही पूरा करना है। साथ ही बताया कि इस प्रकार की 16 अन्य परियोजनाओं को राष्ट्रीय यपिरयोजना घोषित किया हुआ है। यह परियोजनाएं असम, आंधप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, पंजाब उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में स्थित हैं। अत राजस्थान की ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं करना समझ से परे है तथा प्रदेश के साथ भेदभाव की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा कि हालांकि केन्द्र ने हमारे निरंतर आग्रह के पश्चात भी इसके लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध नहीं कराये हैं। परंतु हम अपने संसधनों से इसका कार्य जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि परियोजना के तहत कालीसिंध नदी पर प्रगतिरत नवनेरा बैराज के निर्माण पर 167 करोड़ रुपए ख़र्च किये गये हैं तथा द्वितीय चरण में नवनेरा-गलवा-बीसलपुर-ईसरदा लिंक का कार्य आरंभ किया जायेगा। इसके अतिरिक्त धौलपुर में 60 करोड़ रुपए की लागत से कालीतीर लिफ्ट परियोजना का कार्य भी शुरु किया जायेगा इनके लिए 320 करोड़ रुपए का प्रावधान प्रस्तावित करता हूं। बारां झालावाड़-कोटा जिलों की महत्वाकांक्षी परवन वृहद् सिंचाई परियोजना को भी राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाये जाने के लिए हम पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। इस सबंध में ईआरसीपी के साथ ही इस परियोजना के लिए भी मंत्रिमंडल प्रस्ताव पारित कर केन्द्र सरकार को आग्रह किया जा चुका है। परियोजना के बांध एवं टनल निर्माण कार्यों के साथ लगभग दो लाख हक्टेयर क्षेत्र में प्रेशराईज्ड पाइप तकनीक से कमांड क्षेत्र विकसित करने के कार्य प्रगित पर है। योजना पर अब तक लगभग तीन हजार 300 करोड़ रुपए खर्च हो चुके है। उन्होंने आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 885 करोड़ रुपए का प्रावधान भी प्रस्तावित किया। जोरावार्ता