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झुंझुनूं सीट पर भाजपा एवं कांग्रेस में कड़ा मुकाबले की संभावना

झुंझुनूं, 05 अप्रैल (वार्ता) राजस्थान में जाट बहुल मतदाताओं वाली झुंझुनूं लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एवं कांग्रेस में कड़ा मुकाबला होने के आसार है।
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में यहां आगामी 19 अप्रैल को मतदान होगा और सत्तारुढ़ भाजपा ने पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने पूर्व मंत्री एवं विधायक बृजेन्द्र ओला को अपना प्रत्याशी बनाया है। इस क्षेत्र में जाट मतदाताओं की बहुलता के चलते यहां वर्ष 1996 से लगातार जाट प्रत्याशी ही चुनाव जीतता आ रहा है। करीब 20 लाख 83 हजार मतदाताओं वाले इस क्षेत्र में झुंझुनूं, मंडावा, फतेहपुर, नवलगढ, उदयपुरवाटी, पिलानी, सूरजगढ़ एवं खेतड़ी सहित आठ विधानसभा क्षेत्र शामिल है। अब तक 17 बार हो चुके लोकसभा चुनाव में यहां से नौ बार कांग्रेस, दो बार भाजपा, दो बार जनता पार्टी, एक बार स्वतंत्र पार्टी, एक बार जनता दल, एक बार आल इंडिया इंदिरा कांग्रेस (तिवारी) एवं एक बार आल इंडिया इंदिरा कांग्रेस (सेक्यूलर) का प्रत्याशी विजय रहा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला यहां से लगातार पांच बार सांसद रहकर सबसे अधिक बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बना चुके हैं वहीं 1971 में कांग्रेस के शिवनाथ सिंह गिल ने उस समय देश के सबसे बड़े उद्योगपति परिवार के कृष्ण कुमार बिरला को हराकर एक नया इतिहास बनाया था। उस समय के चुनाव में यहां अमीर बनाम गरीब का नारा पूरे देश में चर्चित रहा था।
वर्ष 1952, 1957 एवं 1962 में यहां से कांग्रेस के नेता एवं उद्योगपति राधेश्याम मुरारका जीते थे। वर्ष 1967 में स्वतंत्र पार्टी के उद्योगपति राधा कृष्ण बिरला, 1971 में कांग्रेस के शिवनाथ सिंह गिल, 1977 में जनता पार्टी के कन्हैयालाल महला, 1980 में जनता पार्टी के ठाकुर भीम सिंह मंडावा, 1984 में कांग्रेस के कप्तान अयूब खान, 1989 में जनता दल के जगदीप धनखड़ (वर्तमान उपराष्ट्रपति), 1991 में कांग्रेस के कप्तान अयूब खान, 1996 में आल इंडिया इंदिरा कांग्रेस (तिवारी) के शीशराम ओला 1998 में आल इंडिया इंदिरा कांग्रेस (सेक्यूलर) के शीशराम ओला, 1999, 2004 एवं 2009 में कांग्रेस के शीशराम ओला तथा वर्ष 2014 में भाजपा की संतोष अहलावत एवे 2019 में भाजपा के नरेंद्र कुमार खीचड़ विजय रहे थे।
कांग्रेस प्रत्याशी बृजेन्द्र ओला श्री शीशराम ओला के बेटे है और वह झुंझुनूं से लगातार चौथी बार विधायक है तथा राजस्थान सरकार में मंत्री एवं झुंझुनूं के जिला प्रमुख रह चुके हैं। वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उनकी पत्नी राजबाला ओला को प्रत्याशी बनाया था। मगर वह भाजपा की संतोष अहलावत से चुनाव हार गई थी। भाजपा ने श्री चौधरी को वर्ष 2019 में भाजपा टिकट पर तीन लाख से अधिक वोटो से जीतने वाले नरेंद्र कुमार खीचड़ का टिकट काट यहां से पार्टी प्रत्याश बनाया है। श्री खीचड़ को गत विधानसभा का चुनाव मंडावा से लडाया गया था लेकिन वह चुनाव हार गए।
हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में श्री चौधरी भी उदयपुरवाटी विधानसभा सीट पर कांग्रेस के भगवान राम सैनी से केवल 417 वोटो से चुनाव हार गए थे। झुंझुनूं लोकसभा क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के एडवोकेट बंशीधर नरनोलिया सहित आठ प्रत्याशी चुनावी मैदान में है।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के नरेंद्र कुमार को 738163 यानी 61.57 प्रतिशत मत मिले थे। वहीं कांग्रेस के श्रवण कुमार को चार लाख 35 हजार 616 यानी 36.33 प्रतिशत मत मिले थे। उस चुनाव में भाजपा के नरेंद्र कुमार ने कांग्रेस के श्रवण कुमार को 3 लाख 2 हजार 547 वोटो से हराया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की संतोष अहलावत को 488181 यानी 48.90 प्रतिशत वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस की राजबाला ओला को 254347 यानी 25.47 प्रतिशत वोट मिले थे। निर्दलीय प्रत्याशी डॉ राजकुमार शर्मा को 206288 यानी 20.66 प्रतिशत वोट मिले थे। तब भाजपा की संतोष अहलावत ने कांग्रेस की राजबाला ओला को 233835 वोटो के अंतर से पराजित किया था।
झुंझुनू सीट से कैप्टन अयूब खान 1984 व 1991 में कांग्रेस टिकट पर जीतने वाले राजस्थान के पहले एवं एकमात्र मुस्लिम सांसद रहे हैं।
सं रामसिंह जोरा
वार्ता
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